पश्‍चिमी सेनाओं की वापसी से अफ़गानिस्तान के अस्तित्व को खतरा बनेगा – अफ़गानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला

काबुल – अफ़गान सेना ने बीते चौबीस घंटों के दौरान देशभर में कार्रवाई करके २५८ तालिबानी आतंकियों को ढ़ेर किया। तभी, तालिबान ने पाकतिका में एक पुल ध्वस्त किया। यूरोपिय देशों की अफ़गानिस्तान से सेना वापसी पूरी हो रही है और ४ जुलाई तक अमरीका की निर्धारित फौजे भी वापस लौटेगी, ऐसी खबरें हैं। तालिबान के बढ़ते हमले और पश्‍चिमी देशों की सेना वापसी के मुद्दे पर अफ़गानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने चिंता जताई है। ‘पश्‍चिमी फौजों की वापसी की वजह से अफ़गानिस्तान के अस्तित्व, सुरक्षा एवं एकता के लिए खतरा बना है’, ऐसा इशारा अब्दुल्ला ने दिया।

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तालिबान ने बीते कुछ दिनों में अफ़गानिस्तान में आक्रामकता से आगे बढ़ना जारी रखा है। तालिबान के सामने अफ़गान सैनिकों ने आत्मसमर्पण करने की एवं भाग खड़े होने की खबरें भी हैं। तो, अफ़गान सेना तालिबान के हमले रोकने का बयान कर रही है। गुरूवार के दिन अफ़गान सेना ने तालिबान के खिलाफ १५ प्रांतों में कार्रवाई करने की जानकारी साझा की। इस संघर्ष के दौरान तालिबान के २५८ आतंकी मारे गए और १४२ घायल हुए। इस दौरान हेरात प्रांत में सेना ने तालिबान को पीछे हटने के लिए मज़बूर करने के दावे अफ़गान माध्यमों ने किए हैं।

लेकिन, स्थानीय लोग तालिबान के हमले तीव्र होने का बयान कर रहे हैं। पाकिस्तान की सीमा के करीबी क्षेत्र में तालिबान के हमले अधिक तेज़ होने का दावा किया जा रहा है। गुरूवार के दिन तालिबान के आतंकियों ने पाकतिक में एक अहम पुल ध्वस्त किया। इसके अलावा बीते महीने से तालिबान ने अफ़गान सेना की ७०० बख्तरबंद गाड़ियों पर कब्ज़ा किया होने का दावा अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने किया है। इनमें से कुछ गाड़ियां तालिबान ने ड्युरंड सीमा की उस ओर स्थित पाकिस्तानी सेना को सौंपने की खबरें भी प्राप्त हुई थीं।

afghanistan-western-troops-2ऐसी स्थिति पर अफ़गानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने चिंता जताई है। बीते कुछ दिनों में जर्मनी, इटली की सेनाओं ने अफ़गानिस्तान से वापसी का काम पूरा किया है। अब अगले तीन दिनों में यानी ४ जुलाई तक अमरिकी सेना की वापसी का काम भी पूरा होगा, ऐसा कहा जा रहा है। ‘पश्‍चिमी देशों की सेनाओं की ऐसी वापसी से अफ़गानिस्तान की सुरक्षा के मोर्चे पर बड़ा खालीपन निर्माण होगा’, ऐसी चिंता अब्दुल्ला ने व्यक्त की।

‘इस सेना वापसी के बाद अफ़गानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़ेंगे और इसकी वजह से देश के अस्तित्व, सुरक्षा एवं एकता के लिए खतरा निर्माण होगा। अफ़गान सरकार और जनता को शांति की उम्मीद है लेकिन, तालिबान काबुल की दिशा में कदम बढ़ा रही है। ऐसी स्थिति में अफ़गानिस्तान के हर गुट को एकजुट होना आवश्‍यक है’, यह आवाहन अब्दुल्ला ने किया।

इसी बीच, अमरीका और नाटो सेनाओं की पूरी वापसी के बाद तालिबान फिर से इस देश पर कब्ज़ा करेगी। साथ ही अगले दिनों में अफ़गानिस्तान में नए से गृहयुद्ध भड़केगा, यह इशारा अमरीका के लष्करी अधिकारी एवं विश्‍लेषक दे रहे हैं। इस वापसी के बाद भी अमरीका के ६०० से अधिक सैनिक अफ़गानिस्तान में तैनात रहेंगे, यह जानकारी सामने आयी थी। इसी बीच अफ़गानिस्तान में तालिबान के बढ़ रहे हमले और उन्हें पाकिस्तान से प्राप्त हो रहे समर्थन की ओर अमरिकी, अफ़गान नेता एवं अधिकारी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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