सुड़ान के दर्फूर में हुए संघर्ष के दौरान १५० से अधिक की मौत

darfur-sudan-violence-1दफूर – सुड़ान के वेस्ट दर्फूर प्रांत में वांशिक संघर्ष होने से १५० से भी अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए हैं| वेस्ट दर्फूर के क्रेनिक, जेबेल मून माऊंटन्स और सर्बा क्षेत्र में हिंसा भड़कने की जानकारी स्थानीय गुटों ने प्रदान की| नई हिंसा के कारण इस क्षेत्र के १० हज़ार से भी अधिक लोग विस्थापित होने की बात सामने आयी है| इस वर्ष के शुरू से ही, दर्फूर के ‘एल गेनैना’ इलाके में वांशिक संघर्ष होने के बाद सुड़ान की सरकार ने आपातकाल का ऐलान किया था|

darfur-sudan-violence-2पिछले महीने जेबेल मून के अरब गुटों के बीच संघर्ष हुआ था| इसकी गूंजें अन्य इलाकों में भी सुनाई देने लगी हैं| कुछ दिन पहले क्रेनिक में दो प्रतिद्वंद्वी वांशिक गुटों का बड़ा संघर्ष हुआ| इस हिंसा के दौरान कुल ९० लोग मारे गए और १०० से अधिक के घायल होने की जानकारी ‘वेस्ट दर्फूर डॉक्टर्स कमिटी’ नामक गुट ने प्रदान की| सर्बा के संघर्ष में ८ लोग मारे गए और ६ घायल हुए हैं| घायलों में से कई लोगों की स्थिति गंभीर है और इस कारण मृतकों की संख्या बढ़ने का ड़र जताया गया है|

darfur-sudan-violence-3इस वर्ष के दौरान दर्फूर में हुआ वांशिक संघर्ष और हिंसा की घटनाएँ, वर्ष २००३ में भड़के संघर्ष से समानता दर्शानेवाले होने का दावा किया जा रहा है| पानी, खेती और जमीन के मुद्दे पर स्थानीय अफ्रीकी और अरब वंशियों के बीच वर्ष २००३ में बड़ा संघर्ष हुआ था| उस समय सुड़ान में तानाशाह ओमर बशिर की हुकूमत थी| बशिर ने अरब गुटों का समर्थन करके अफ्रीकी वंशियों का संहार करना शुरू किया था|

दर्फूर की हिंसा रोकने के लिए वर्ष २००७ में संयुक्त राष्ट्र संगठन ने शांतिसेना तैनात की थी| लेकिन, इसके बाद भी हिंसा में विशेष फर्क नहीं हुआ है, उल्टा शांतिसेना पर ही हमलें होने की घटनाएँ हुईं थीं| लगभग १५ वर्षों तक यह भीषण संघर्ष जारी था| इस दौरान ३ लाख से भी अधिक लोग मारे गए हैं और २५ लाख से भी अधिक विस्थापित हुए हैं| दर्फूर में शांति सेना की तैनाती के लिए तय की गयी अवधी, बीते वर्ष के अन्त में खत्म हुई है और अब यहाँ पर सुड़ानी सेना की तैनाती हुई है|

सुड़ान में बीते वर्ष, बशिर की हुकूमत का तख्तापलट करके सेना ने सत्ता हथियायी है| इसके बाद देश में राजनीतिक हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हुई है| इसी दौरान सैनिकी विद्रोह की दो घटनाएँ हुई हैं| साथ ही, पड़ोसी देश इथियोपिया के साथ सीमा विवाद शुरू होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर दर्फूर की नई हिंसा सुड़ान में नई अस्थिरता के लिए ज़िम्मादार बन सकती है, ऐसी चिंता विश्‍लेषक जता रहे हैं|

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