युरोपीय महासंघ से बाहर निकलने से ब्रिटन असुरक्षित बन जायेगा

ब्रिटीश प्रधानमंत्री डेविड़ कॅमेरॉन का दावा

British Prime Minister David Cameron addresses the media after a European Union leaders summit in Brussels, Belgium, February 19, 2016. REUTERS/Dylan Martinez/File Photo

ब्रिटन को महासंघ में रहना है या नहीं, इसका निर्णय ब्रिटन की जनता २३ जून को करनेवाली है। इस सार्वमत के लिए कुछ की हफ़्तें बाक़ी होते समय, ‘यदि महासंघ के बाहर रहा, तो ब्रिटन असुरक्षित बन जायेगा’ ऐसा वक्तव्य प्रधानमंत्री डेविड कॅमेरॉन ने किया है। ब्रिटन यदि महासंघ के बाहर निकलने का फ़ैसला करता है, तो ब्रिटन के दुश्मनों के मन में ख़ुशियों के लड्डू फ़ूटने लगेंगे और इस कारण इस क्षेत्र में युद्ध भड़क उठ सकता है, ऐसा भी प्रधानमंत्री कॅमेरॉन ने ज़ोर देकर कहा है।

सोमवार को प्रधानमंत्री डेविड़ कॅमेरॉन ने ब्रिटन की जनता को संबोधित किया। जो कोई यह दावा कर रहे हैं कि महासंघ से बाहर निकलने पर ब्रिटन का कल्याण होगा, वे अपना दावा सिद्ध करके दिखायें, ऐसी खुली चुनौति प्रधानमंत्री कॅमेरॉन ने दी। उसी समय, महासंघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटन के सामने जो मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, उनका भी पाढ़ा कॅमेरॉन ने रटा। ‘जब तक ब्रिटन महासंघ में है, इस क्षेत्र में युद्ध भड़कने की कोई गुंजाईश नहीं है, क्योंकि ब्रिटन यहाँ पर शांतिदूत की भूमिका अदा कर रहा है। लेकिन यदि ब्रिटन महासंघ में नहीं रहा, तो इस क्षेत्र में युद्ध भड़के बिना नहीं रहेगा’ ऐसी चेतावनी कॅमेरॉन ने दी। इतना ही नहीं, बल्कि ‘ब्रेक्झिट’ के कारण रशिया को ‘मध्य’ एवं ‘पूर्व’ युरोप पर रोंब जमाने का मौक़ा मिलेगा’ ऐसी चिंता भी कॅमेरॉन ने ज़ाहिर की।

रशिया की आक्रामकता जबकि बढ़ रही है, ‘ब्रेक्झिट’ के बाद ब्रिटन तथा युरोपीय देशों को रशिया से रहनेवाला ख़तरा और भी बढ़ेगा। महासंघ में ब्रिटन सुरक्षित रहेगा, लेकिन महासंघ के बाहर ब्रिटन असुरक्षित रहेगा, ऐसा दावा भी कॅमेरॉन ने किया। इसीके साथ, महासंघ के बाहर रहने से, आतंकवादविरोधी कार्रवाइयों के लिए महासंघ के सदस्य देशों से सहयोग प्राप्त करना ब्रिटन के लिए और भी मुश्किल हो जायेगा। पॅरिस तथा ब्रुसेल्स में हुए आतंकवादी हमलों के बाद, आतंकवादविरोधी कार्रवाइयों के लिए सहयोग कितना आवश्यक है, इसका एहसास सभी को हो चुका है, ऐसा भी कॅमेरॉन ने आगे कहा। इन सब बातों से यह साफ़ जाहिर होता है कि महासंघ के बाहर रहने से ब्रिटन की सुरक्षा तथा आर्थिक भवितव्य ख़तरे में पड़ सकता है; इसलिए जनता सोचसमझकर ही फ़ैसला करें, ऐसा प्रधानमंत्री कॅमेरॉन ने कहा है।  अपनी बात की पुष्टि के लिए कॅमेरॉन ने पूर्व प्रधानमंत्री विन्स्टन चर्चिल के वक्तव्य की भी याद दिलायी।

‘युरोपीय देशों से दूर रहकर ब्रिटन का फ़ायदा होनेवाला नहीं है’, ऐसा चर्चिल ने कहा था। इस वक्तव्य की मिसाल देकर कॅमेरॉन ने ब्रिटन की जनता को यह संदेश देने की कोशिश की है कि ‘यदि आप ब्रिटन से प्यार करते हो और ब्रिटन तथा दुनिया को अधिक सुरक्षित बनाना चाहते हो, तो महासंघ में रहकर ही इस कार्य को अधिक सुलभता के साथ किया जा सकता है।’ लेकिन ‘ब्रेक्झिट’ का समर्थन करनेवाले नेताओं ने कॅमेरॉन के दावे को ख़ोख़ला बताया है।

दरअसल ‘युरोपीय देशों द्वारा निर्माण किये जा रहे सुरक्षाविषयक मोरचे में सम्मिलित होने के लिए ब्रिटन बँधा हुआ नहीं है’ ऐसा विन्स्टन चर्चिल ने सन १९५३ में कहा था। इसकी याद दिलाकर ‘ब्रेक्झिट’ के समर्थक, ‘कॅमेरॉन के दावे में कुछ दम नहीं है, ऐसा कह रहे हैं। साथ ही, कॅमेरॉन के दावे का प्रस्तुतिकरण विपर्यस्त होने की आलोचना भी ‘ब्रेक्झिट’ समर्थक कर रहे हैं।

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