ब्रिटन के फ़ैसले पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय से संमिश्र प्रतिक्रियाएँ

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वॉशिंग्टन, दि. २५ (वृत्तसंस्था) – ‘ब्रेक्झिट’ के फ़ैसले पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय से संमिश्र एवं सावधानीपूर्वक भावनाएँ व्यक्त हो रही हैं। अमरीका ने ब्रिटन के साथ रहनेवाले ‘विशेष संबंधों को’ इसके आगे भी जारी रखने की इच्छा व्यक्त की है। वहीं, रशिया ने, ‘ब्रेक्झिट’ के लिए ब्रिटीश नेतृत्व की मग़रूरीभरी एवं उथल नीति कारणीभूत हुई होने का दावा किया है। जापान ने ‘ब्रेक्झिट’ के आर्थिक परिणामों का सामना करने के लिए योजना बनायी जा रही होने की जानकारी दी। वहीं, चीन ने, ‘ब्रेक्झिट’ यह ब्रिटीश लोगों की मानसिक स्थिति बिगड़ गयी होने का निदर्शक है, ऐसा कहा है।

ब्रिटन ने युरोपीय महासंघ में से बाहर निकलने का किया हुआ फ़ैसला, यह आंतर्राष्ट्रीय समुदाय को लगा बड़ा झटका माना जा रहा है। ब्रिटन यह आर्थिक, व्यापार, सुरक्षा इन क्षेत्रों के साथ साथ राजनीतिक स्तर पर भी अग्रसर रहनेवाले देशों में से एक है। इस कारण इन सभी क्षेत्रों में ब्रिटन के फ़ैसले की गूँजें सुनायी देने की शुरुवात हो चुकी है। फिलहाल प्राथमिक स्तर पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रमुख देशों ने ‘ब्रेक्झिट’ पर कुछ सावधानीभरीं एवं संमिश्र भावनाएँ व्यक्त की होने का चित्र सामने आ रहा है।

brexit-putinअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने, ‘ब्रिटन की जनता ने अपनी भावना ज़ाहिर कर दिखायी है’ यह कहते हुए, उनके फ़ैसले का आदर करना चाहिए, ऐसी प्रतिक्रिया दी। ‘अमरीका एवं ब्रिटन के बीच रहनेवाले विशेष संबंध स्थायी रूप के होकर, ब्रेक्झिट का उसपर  असर नहीं होगा। ब्रिटन की नाटो सदस्यता यह अमरीका की विदेश, रक्षा एवं आर्थिक नीति की दृष्टि से अहम हिस्सा होगी’ ऐसा यक़ीन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिलाया।

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, ‘ब्रेक्झिट’ के पीछे अलग अलग कारण हैं, यह स्पष्ट करते हुए ही, ‘यह देश का निर्णय है’ ऐसा कहा। ‘कोई भी देश अपने साथ के कमज़ोर देशों का पोषण करने की ज़िम्मेदारी उठाना पसंद नहीं करता। निर्वासितों के रेले और उससे निर्माण हुए सुरक्षा के मुद्दे को लेकर अपनायी भूमिका ब्रिटीश नागरिकों को रास नहीं आयी। ब्रिटन के नेतृत्व ने भी देश तथा युरोप से संबंधित रहनेवालीं समस्याओं का हल निकालते समय, कुछ हद तक मग़रूरी का एवं उथल रवैया अपनाया’ इन शब्दों में पुतिन ने ब्रिटीश सरकार  को फ़टकार लगायी।

जापान ने ‘ब्रेक्झिट’ के आर्थिक परिणामों पर ध्यान केंद्रित किया होकर, मध्यवर्ती बँक एवं ‘जी-७’ गुट के साथ समन्वय रखते हुए उपाययोजनाएँ बनायी जायेंगी, ऐसा नमूद किया। चीन के सरकारी दैनिकों में ‘ब्रेक्झिट’ के फ़ैसले पर लेख प्रकाशित हुए हैं। ‘ग्लोबल टाईम्स’ में छपे लेख में, ‘ब्रेक्झिट का फ़ैसला यह ब्रिटीश जनता की मानसिक स्थिति बिगड़ गयी होने का चित्र दर्शा रहा है’ ऐसा दोषारोपण किया गया है। उसी समय, ब्रिटीश नागरिक बाहरी दुनिया से खुद को अलग रखना चाहनेवाले देश का हिस्सा बन गये होने की आलोचना भी की गयी है।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने युरोपीय महासंघ एवं ब्रिटन दोनों की आलोचना कर, ‘अब इसके आगे यदि नीतियों में सुधार नहीं किये गए, तो बहुत सारे देश महासंघ से बाहर निकलते हुए दिखायी देंगे’ ऐसा दावा किया है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्षपद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने, ‘ब्रेक्झिट यह निर्वासितों के तथा सीमाएँ खुलीं छोड़ने के मुद्दों पर अपनायी गयीं ग़लत नीति का परिणाम है’ यह ज़ोर देकर कहा।

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