अप्राप्य मानवी संपत्ति के बल पर भारत चीन को भी पीछे खेलेगा – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल

नई दिल्ली – चीन के पास दुर्लभ खनिज की संपत्ति हो सकती है, पर दुनिया में दुर्लभ पर होने वाली मानवी संपत्ति भारत के पास है। इसका उपयोग करके भारत चीन को पीछे कर सकता है, ऐसा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने कहा है। एक विद्यापीठ के कार्यक्रम में बोलते हुए लोगों ने यह दावा किया है। चीन के पास होने वाले दुर्लभ खनिज एवं नैसर्गिक साधन संपत्ती की वजह से यह देश भारत के बहुत आगे जाएगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। उसे उत्तर देते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत के पास होने वाले मानवीय संपत्ति का दाखिला दिया है।

नई दिल्ली के पास नोएडा के एक विद्यापीठ में आयोजित किए कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल बोल रहे थे। चीन के पास यूरेनियम तथा अन्य दुर्लभ खनिज है। यह बहुत बड़ी संपत्ति है। आने वाले समय में इसका उपयोग करके चीन बहुत बड़ी शक्ति बन सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है। भारत के पास ऐसे प्रकार के खनिज नहीं है। इस तरह से भारत चीन से बहुत ही पिछड़ा होगा ऐसा दिखाई दे रहा है। फिर भी वास्तव में परिस्थिति वैसे नहीं है, इसका अहसास राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दिलाया है।

आने वाले समय में दुनिया में क्या होगा, तंत्रज्ञान, शस्त्रास्त्र, उद्योग एवं अन्य क्षेत्र में क्या क्या होगा इस बारे में विविध निष्कर्ष प्रस्तुत किए जा रहे हैं। ऐसे समय में दुर्लभ खनिज एवं नैसर्गिक संपत्ती होने वाले चीन जैसे देश को आगे जाने के लिए बहुत बड़ा अवसर होने की बात दिखाई दे रही है। पर भारत के पास भी एक ऐसा स्रोत है, जो दुनिया के लिए दुर्लभ है। यह स्रोत मतलब १३० करोड़ नागरिकों की मानवीय संपत्ति, जिसमें ५० प्रतिशत नागरिक २५ वर्ष से कम आयु के हैं। यह दुर्लभ संपत्ति सुयोग्य रूप से विकसित की गई तो इसका बहुत बड़ा लाभ भारत को मिल सकता है, ऐसा डोवल ने स्पष्ट किया है।

देश के पास होनेवाले इस बड़े स्रोत का योग्य रूप से उपयोग नहीं हुआ तो यह बात विपरीत हो सकती है, इसकी तरफ डोवल ने ध्यान केंद्रित किया है। अगर देश के युवा वर्ग की क्षमता प्राप्त करने के लिए रोजगार नहीं दिया, तो उसके विपरीत परिणाम होंगे, ऐसा डोवल ने कहा है। उस समय युवा विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डोवल ने ज्ञान संपदा एवं उसका सुयोग्य उपयोग का संदेश दिया है। तुम्हें क्या करना है और कहां जाना है यह पहले सोचना होगा, ऐसी सलाह दी डोवल ने दी है। भारत के पास होने वाले युवा शक्ति का उपयोग योग्य रूप से करने पर यह देश महासत्ता बनने से कोई रोक नहीं सकता, ऐसा पाश्चिमात्य देशों के कई विश्लेषकों से कहा जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने स्त्रोत का उपयोग करके भारत चीन को भी पीछे धकेल सकता है, ऐसा निष्कर्ष जताने के बाद दिखाई दे रही है।

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