व्युहरचनात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होने वाले लेह में स्थित पूल का रक्षा मंत्री के हाथों उद्घाटन

लेह: चीन के पास सीमा पर स्थित ‘लेह’ को ‘काराकोरम’ के साथ जोड़ने वाले ‘प्रथम-श्योक पूल’ का उद्घाटन हुआ है। इस पूल की वजह से ‘दौलत बेग ओल्डी’ से लेकर डारबूक तक जवान और रक्षा सामग्री का परिवहन गतिमान होने वाला है और इसी वजह से इस पूल को व्युहरचनात्मक दृष्टिकोण से महत्व प्राप्त हुआ है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन के हाथों यह उद्घाटन हुआ है और जम्मू-कश्मीर का दौरा कर रही रक्षा मंत्री सीतारामन ने सियाचिन को भी भेंट दी है।

‘प्रथम-श्योक पूल’ का निर्माण श्योक गोंग नदी पर किया गया है, जिसकी वजह से दौलत बेग ओल्डी – श्योक-डारबूक इस चीन सीमा पर व्युहरचनात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण क्षेत्र जोड़े जाने वाले हैं। लेह और काराकोरम को जोड़ने वाले इस पूल का बहुत बड़ा सामरिक महत्व है। इस पूल का निर्माण बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन (बीआरओ) ने किया है। इसके पहले दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कई घटनाएँ घटी हैं। साथ ही दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई बार संघर्ष हुआ है। २०१३ में १६ फूट ऊंचाई पर स्थित दौलत बेग ओल्डी में ५० चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में ३० किलोमीटर अन्दर घुसकर २० तम्बू ठोके थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इस पृष्ठभूमि पर दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास करना भारत के लिए अनिवार्य बन गया है। इसके बाद लेह-लदाख की बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं को तेज किया गया है।

लेहसमुद्री सतह से इतनी ऊंचाई पर और प्रतिकूल वातावरणीय परिस्थिति में निर्माण किया जाने वाला पूल और रास्ते किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसके लिए ‘बीआरओ’ के जवान और अधिकारीयों की तारीफ जितनी की जाए उतनी कम है, ऐसा इस समय निर्मला सीतारामन ने कहा। श्योक नदी पर निर्माण किया गया यह पूल लश्कर और स्थानीय परिवहन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा, ऐसा सीतारामन ने स्पष्ट किया है। लेकिन इस पूल को  व्युहरचनात्मक दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा महत्व होने के संकेत सीतारामन ने अपने भाषण में दिए हैं।

भारत सरकार जवानों के पीछे मजबूती से खड़ा है, ऐसा सीतारामन ने कहा है। साथ ही रक्षा मंत्री जी ने २४ हजार फूट ऊपर स्थित सियाचिन के बेस कैंप को भी भेंट दी। इस समय, लश्कर प्रमुख बिपिन रावत, लश्कर के नोर्दर्न कमांड के प्रमुख देवराज अम्बु और लदाख के कोर कमांड के प्रमुख भी उपस्थित थे। इस समय रक्षा मंत्री सीतारामन ने सियाचिन में तेना जवानों के साथ संवाद साधा।

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