सऊदी और तुर्की के बीच जेरुसलेम मामले में विशेष बैठक

रियाध: “पूर्व जेरुसलेम’ को पॅलेस्टाईन की राजधानी के तौर पर मान्यता प्राप्त करके देना सब से महत्वपूर्ण है और अपने पॅलेस्टिनी बंधुओं के अधिकारों के लिए सभी इस्लामी देशों को एक होकर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी”, ऐसा आवाहन तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दिरिम ने किया है। सऊदी अरब के ‘राजा सलमान बिन अब्दुल अझिझ’ और ‘क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान’ से मुलाकात करने के बाद तुर्की के प्रधानमंत्री ने यह आवाहन किया है।

सऊदी अरब यह अमरिका का खाड़ी का महत्वपूर्ण मित्र देश और तुर्की नाटो का सदस्य देश है। इन दोनों देशों ने इन दिनों अमरिका के खिलाफ भूमिका ली है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘जेरुसलेम’ को इस्रायल की राजधानी घोषित करने के बाद पहली बार सऊदी और तुर्की के नेतृत्व में चर्चा पूरी हुई है। राजा सलमान के साथ हुई भेंट में तुर्की के प्रधानमंत्री ने सऊदी के साथ सहकार्य मजबूत करने पर जोर दिया है। पिछले कुछ महीनों से सऊदी और अरब मित्र देशों ने कतार पर डाले बहिष्कार को लेकर सऊदी और तुर्की के बीच तनाव निर्माण हुआ था। लेकिन ‘जेरुसलेम’ के मुद्दे पर दोनों देश एक हुए हैं।

सऊदी की राजधानी रियाध में पूरी हुई राजा सलमान और प्रधानमंत्री यिल्दिरिम के बीच की बैठक में जेरुसलेम और पॅलेस्टिनियों को समर्थन देने के मुद्दे पर चर्चा हुई है। पूर्व जेरुसलेम को पॅलेस्टिन की राजधानी का दर्जा देने के लिए कोशिश करने वाले हैं, ऐसा कहकर दुनिया भर के सभी अरब-इस्लामी देशों को एक होने का आवाहन तुर्की के प्रधानमंत्री ने किया है। पिछले हफ्ते तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने भी पूर्व जेरुसलेम को पॅलेस्टिन की राजधानी घोषित करने की घोषणा की है।

सऊदी के राजा सलमान के साथ हुई मुलाकात के बाद तुर्की के प्रधानमंत्री ने सऊदी के ‘क्राउन प्रिंस मोहम्मद’ से मुलाकात की। प्रधानमंत्री यिल्दिरिम और प्रिंस मोहम्मद के बीच की यह चर्चा बुहत देर तक चली। लेकिन इस मुलाकात के मुद्दों की मीडिया के सामने प्रसिद्द नहीं किया गया है। पिछले कुछ दिनों से अरब-इस्लामी देशों के राष्ट्रप्रमुखों के सऊदी के दौरे बढ़ गए हैं। पिछले हफ्ते में ‘संयुक्त अरब अमिरात (युएई) अमिर सईद नह्यान, पॅलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास, इजिप्त के राष्ट्राध्यक्ष अदेल अल-सिसी, जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह ने सऊदी का दौरा किया है।

दो हफ़्तों पहले अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘जेरुसलेम’ को इस्रायल की राजधानी घोषित की थी। ट्रम्प के निर्णय पर इस्रायल छोड़कर सभी स्तरों से टीका हुई है। इस के लिए तुर्की ने अरब इस्लामी देशों के ‘आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इस्लामिक कौंसिल’ (आईओसी) बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में सऊदी और युएई छोड़कर सभी अरब- इस्लामी देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल हुए थे।

इस वजह से तुर्की के नेतृत्व में चल रही बैठक में सऊदी और युएई का समर्थन नहीं है, ऐसी खबरें भी प्रसिद्द हुईं थी। ईरान, सीरिया और कतार के मुद्दे को लेकर तुर्की के साथ तनाव निर्माण होने की वजह से सऊदी ने ‘ओआईसी’ की बैठक पर बहिष्कार डालने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन बुधवार को तुर्की के प्रधानमंत्री यिल्दिरिम ने सऊदी का दौरा करके ‘जेरुसलेम’ के मुद्दे पर दोनों देशों का एकमत है ऐसा घोषित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.