सौदी का कदम जागतिक आर्थिक स्थिरता को चुनौती देनेवाला

अमरीका के डेब्टबाँड्स बेचने की सौदी की धमकी पर अमरीका की चेतावनी

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अमरीका एवं सौदी अरेबिया के बीच की दरार बढ़ती हुई ही दिखायी दे रही है । अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष सौदी अरेबिया के दौरे पर जाने की तैयारी में रहते हुए, सौदी के द्वारा दी गयी धमकी को अमरीका ने प्रत्युत्तर दिया है । अमरिकी संसद में प्रस्तुत किये ९/११ विधेयक को यदि मंज़ूर किया गया, तो अपने पास के ७५० अरब डॉलर्स के अमरिकी डेब्ट बाँड्स (ऋण प्रतिभूतियाँ) बेचने की धमकी सौदी ने दी थी। ऐसा करके सौदी जागतिक आर्थिक स्थिरता को चुनौती नहीं देगा, ऐसी उम्मीद अमरीका ने ज़ाहिर की। साथ ही, यदि सौदी ने ऐसा किया, तो उसके भयानक परिणाम सौदी को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी कड़ी चेतावनी अमरीका ने दी।

jubeir९/११ आतंकवादी हमले की तहकिक़ात करने के लिए अमरीका ने संसदीय आयोग की स्थापना की थी। इस आयोग ने, सौदी के अधिकारियों का इस आतंकवादी हमले में सहभाग होने का शक़ ज़ाहिर किया था। उसके बाद, इस आतंकवादी हमले में सौदी के सहभागी होने की जानकारी देनेवालीं ख़बरें सामने आने लगीं। इस पार्श्वभूमि पर, सौदी अरेबिया की सरकार को ही इस आतंकवादी हमले के लिए ज़िम्मेदार क़रार देनेवाला ९/११ विधेयक संसद के सामने प्रस्तुत किया गया है। यदि यह विधेयक मंज़ूर हुआ, तो उसकी गूँजें सुनायी देंगी, ऐसी धमकी सौदी अरेबिया के विदेशमंत्री ‘अदेल अल्-ज़ुबेर’ ने दी थी।

सौदी ने अमरिकी डेब्ट बाँड्स में तक़रीबन ७५० अरब डॉलर्स इतनी भारी मात्रा में निवेश किया है। ये डेब्ट बाँड्स बेचकर सौदी अमरीका को आर्थिक झटका दे सकता है, ऐसी धमकी ‘ज़ुबेर’ ने दी थी। यह धमकी अमरीका एवं सौदी के बीच तनाव बढ़ा होने के संकेत दे रही है। लेकिन सौदी के विदेशमंत्री द्वारा किये गए इस वक्तव्य पर अमरीका ने गिनेचुने शब्दों में प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ‘व्हाईट हाऊस’ के मीडिया सेक्रेटरी जोश अर्नेस्ट ने, फिलहाल अमरिकी काँग्रेस के सामने रहनेवाला ‘९/११’ विधेयक उसकी विद्यमान स्थिति में पारित होना तक़रीबन असंभव है, ऐसा कहा है। लेकिन इस विधेयक के पीछे रहनेवाली संकल्पना का अर्नेस्ट ने समर्थन किया।

‘९/११ हमले के बाद, आतंकवादियों को प्रोत्साहन देनेवाली कट्टरपंथीय विचारधारा की परवरिश करनेवाले देशों को ज़िम्मेदार क़रार देना आवश्यक है। उसके लिए आवश्यक वह सारी कार्रवाई करने के लिए अमरीका वचनबद्ध है। अमरीका को इस कट्टरपंथीय विचारधारा से काफ़ी नुकसान झेलना पड़ा है और अब सौदी अरेबिया को भी इसकी आँच लगने लगी है। इस कारण दोनों देशों की सरकारें इन कट्टरपंथियों को रोकने के लिए एकसाथ मिलकर प्रयास कर रही हैं’, यह कहकर जोश अर्नेस्ट ने, अमरीका एवं सौदी के बीच इस मोरचे पर रहनेवाला सहयोग क़ायम है, यह स्पष्ट किया। लेकिन उसी समय, सौदी ने ७५० अरब डॉलर्स के अमरिकी डेब्ट बाँड्स बेचने की दी हुई धमकी पर कड़ी चेतावनी भी अर्नेस्ट ने दी।

obama‘इन डेब्ट बाँड्स की बिक्री यह केवल अमरीका एवं सौदी के बीच का व्यवहार नहीं है। बल्कि, सौदी की इस कार्रवाई से जागतिक स्तर पर आर्थिक स्थिरता को चुनौती मिल सकती है’ इस बात की ओर अर्नेस्ट ने ग़ौर फ़रमाया। उसी समय, यह फ़ैसला सौदी के हितसंबंधों के लिए भी ख़तरनाक साबित हो सकता है, यह कहकर उन्होंने, इसीलिए सौदी ऐसा कदम नहीं उठायेगा, ऐसी उम्मीद ज़ाहिर की। इसी दौरान, अमरिकी विश्लेषकों ने भी, सौदी ये डेब्ट बाँड्स बेचने का फ़ैसला कर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी न मार लें, ऐसा मशवरा दिया है। ७५० अरब डॉलर्स के अमरिकी डेब्ट बाँड्स बेचकर अमरीका का जितना नुकसान होगा, उससे अधिक नुकसान सौदी का ही होगा, ऐसा अमरिकी विश्लेषकों का कहना है। जोश अर्नेस्ट ने राजनयिक भाषा में यह संदेश सौदी तक पहुँचाया है।

अमरीका एवं सौदी के बीच चल रहे, इन धमकियाँ एवं चेतावनियों के दौर का असर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की सौदी यात्रा पर होगा, ऐसे आसार दिखायी देने लगे हैं। इसलिए दोनों देशों के आपसी संबंधों के सामने कड़ी चुनौती खड़ी हुई होने का दावा अमरिकी माध्यमजगत् कर रहा है।

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