यूक्रैन युद्ध को लेकर पक्षपात कर रहें पश्‍चिमी माध्यमों की सोशल मीडिया पर आलोचना

सोशल मीडियावॉशिंग्टन – रशिया-यूक्रैन युद्ध में अंतरराष्ट्रीय माध्यम तटस्थता का त्याग करके पक्षपाती वार्तांकन कर रहे हैं, ऐसे आरोप सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे हैं| यूक्रैन के साथ जारी युद्ध में रशियन सेना जीत रही है, इसके बावजूद प्रचारयुद्ध में यूक्रैन ने बाजी मारी है| माध्यमों के ज़रिये विश्‍व की सहानुभूति पाने में यूक्रैन कामयाब हुआ है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को खलनायक के रूप में विश्‍व के सामने दर्शाने की यूक्रैन, अमरीका और मित्रदेशों की कोशिश अधिक प्रभावी होती दिख रही है| इस सब के लिए माध्यमों का पक्षपात ज़िम्मेदार होने की आलोचना सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रही है|

पिछले हफ्ते गुरूवार को रशिया ने यूक्रैन पर हमला किया था| इसकी गूंज विश्‍वभर में सुनाई पड़ी| पश्‍चिमी देशों में बडे प्रदर्शन हुए| यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने अपने साथ यूक्रैन की जनता सड़क पर उतरकर रशिया का प्रतिकार करेगी, यह गवाही भी दी| ज़ेलेन्स्की ने रशियन जनता का भी पुतिन को हो रहा विरोध दिखाकर अपने समर्थन में खड़े होने का आवाहन किया है, ऐसा कहा जा रहा है| इसके अलावा यूक्रैन में हो रही अन्य घटनाओं को पश्‍चिमी माध्यम व्यापक और सकारात्मक प्रसिद्धी नहीं दे रहे हैं|

सोशल मीडियाअमरीका एवं यूरोप के प्रमुख माध्यम, रशिया द्वारा अच्छे यूरोपियन नागरिकों को मारा जा रहा है, सुसंस्कृत यूरोपिय नागरिकों के शहरों में भीषण हमले हो रहे हैं, इस तरह का वार्तांकन कर रहे है| कुछ पत्रकारों ने यूक्रैन में हुए युद्ध की घटना एवं संघर्ष सिर्फ गरीब, पिछड़े एवं दुर्गम क्षेत्र में नहीं हो रहा है, ऐसा बयान किया| कई पश्‍चिमी पत्रकारों ने रशिया ने यूक्रैन पर किए हमले का ज़िक्र करते समय यह अफ़गानिस्तान, इराक या सीरिया का संघर्ष ना होने जैसे बयान किए हैं|

यूरोपिय वंश के मध्यमवर्गिय दिखनेवाले यूक्रैन के नागरिकों को दूसरे देश में शरणार्थी बनकर जाना पड़ रहा है, इस पर कुछ माध्यमों ने अफसोस भी जताया है|

सोशल मीडियाऐसे वार्तांकन को लेकर सोशल मीडिया पर तीव्र आलोचना हो रही है| विश्‍व के अन्य हिस्सों में जारी संघर्ष और उस देश के नागरिकों को महसूस हो रही यातना एवं यूक्रैन की जनता की त्रासदी में किया जा रहा भेदभाव पश्‍चिमी माध्यमों का पक्षपाती नज़रिया दिखा रहे हैं, ऐसी आलोचना सोशल मीडिया पर हो रही है| माध्यम यूरोप का संघर्ष और अन्य देशों के संघर्ष को दुजाभाव से दिखा रहे हैं, यह नाराज़गी भी सोशल मीडिया पर व्यक्त हो रही है|

यूक्रैन की जनता ने रशिया का किया विरोध यानी ऐतिहासिक प्रतिकार और अन्य देशों के नागरिकों ने किए विरोध को गुनाहगारी या आतंकवाद बताना माध्यमों का दोगलापन दर्शाता है, ऐसी तीव्र आलोचना अब होने लगी है|

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