ब्रिटेन में आतंकियों के विरोध में कडे कानून करने के संकेत – विधिज्ञ एवं मानव अधिकार गुटों का विरोध

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लंदन – ब्रिटेन में पिछले रविवार के दिन हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि पर आतंकवाद विरोधी कानून अधिक सख्त और आक्रामक करने के संकेत दिए गए है| इसके अनुसार आतंकवादीयों को मुक्रर सजा का दो तिहाई समय जेल में रहने के बाद ही उन्हें रिहा करने की अनुमति देने का प्रावधान करने का प्रस्ताव है| साथ ही सजा के दौरान रिहा किए गए आतंकियों को घर में नजरबंद रखने के ‘कंट्रोल ऑर्डर्स’ का दुबारा अमल शुरू करने के संकेत दिए गए है| पर, प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने रखे इन प्रस्तावों पर विधिज्ञ और मानव अधिकार गुटों ने कडा विरोध जताया है|

रविवार २ फरवरी के रोज राजधानी लंदन में ‘स्ट्रीथैम’ हिस्से में ममूर फराज अम्मान इस २० वर्ष के युवा आतंकी ने चाकू हमला किया था| इस हमले में तीन लोग घायल हुए है और इनमें से एक की स्थिति गंभीर है| लंदन पुलिस ने की कार्रवाई में फराज अम्मान मारा गया?था| ‘आयएस’ का समर्थक रहे अम्मान को पिछले हफ्ते में ही जेल से रिहा किया गया था| पिछले वर्ष उस्मान खान इस आतंकी ने लंदन ब्रिज पर किए हमले में दो लोग मारे गए थे| उस्मान खान इस आतंकी को भी न्यायालयीन प्रक्रिया के तहेत जेल से रिहा किया गया था| 

एक के बाद एक हुए इन आकंती हमलों पर ब्रिटीश जनता एवं संसद में कडी प्रतिक्रिया दर्ज हुई| इससे प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने जेल में सजा भुगत रहे आतंकियों को सजा पुरी होने तक छोडा नही जाएगा, इसके लिए कडे कानून करने का ऐलान किया| इसी महीने में इससे संबंधित प्रस्ताव संसद में रखा जाएगा और इसे शीघ्रता में पारित करके इसे कानून में परीवर्तीत करने की गतिविधियां शुरू हुई है|

प्रधानमंत्री जॉन्सन के इस निर्णय को ब्रिटीश जनता समर्थन दे रही है, पर विधिज्ञ और मानव अधिकार संगठनों ने इस पर कडी आलोचना की है| नए कानून की वजह से न्यायालयी प्रक्रिया अधिक जटिल होगी और आतंकियों को रोकने के लिए सरकार के हाथ में अन्य विकल्प भी होने के दावे विधिज्ञ कर रहे है| तभी, मानव अधिकार गुटों ने नया कानून यूरोपिय महासंघ के मानव अधिकार संबंधित नियमों का ही उल्लंघन साबित होगा, यह आरोप भी किया|

पर, प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन और गृहमंत्रि प्रीती पटेल ने इस कानून के विरोध में हो रही आलोचना ठुकराई है| इस महीने के अंत तक ब्रिटीश संसद में यह कानून पारित होगा, यह भरोसा भी उन्होंने व्यक्त किया है| ब्रिटेन में फिलहाल २०० से भी अधिक आतंकी अलग अलग अपराधों के लिए जेल में सजा भुगत रहे है| इसी बीच ब्रिटेन के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नील बसू ने देश में बना आतंकवाद का खतरा अभी खतम नही हुआ है, यह इशारा दिया|

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