सदस्य देश पर हुए सायबर हमले को नाटो का प्रत्युत्तर मिलेगा – नाटो के अध्यक्ष जेन्स स्टोल्टनबर्ग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरब्रुसेल्स: ‘वर्ष २०१७ में ब्रिटेन के ‘एनएचएस’ अस्पतालों पर हुए सायबर हमलों की पुनरावृत्ति हुई तो नाटो के सारे सदस्य देश इस सायबर युद्ध में उतरेंगे’, यह ऐलान नाटो के अध्यक्ष जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने किया है| इसके लिए नाटो ‘आर्टिकल ५’ का इस्तेमाल करेगा, यह इशारा स्टोल्टनबर्ग ने दिया| ‘आर्टिकल ५’ के अनुसार नाटो के किसी भी देश पर हुआ हमला यानी नाटो पर हुआ हमला समझा जाता है और इसके विरोध में नाटो युद्ध शुरू करता है|

‘प्रॉस्पेक्ट’ इस ब्रिटिश मासिक में लिखे एक लेख में नाटो प्रमुख स्टोल्टनबर्ग ने अमरिका और मित्रदेशों की लष्करी संगठन किसी भी हमलें का सामना करने के लिए तैयार होने का ऐलान भी किया| ‘हमारे किसी सदस्य देश पर हुए हमलें को एकता के साथ जवाब देने के लिए नाटो तैयार है| जमीन, आकाश या समुद्री चुनौतियों का सामना करने के लिए नाटो के सभी सदस्य देश तैयार थे| लेकिन, इसके आगे नाटो को और भी कडी चुनौतियों का सामना करना होगा’, इसका एहसास स्टोल्टनबर्ग ने दिलाया|

सायबर हमलें अब सदस्य देशों के सामने की चुनौती बन सकती है, यह दावा नाटो के प्रमुख ने किया| इसके लिए स्टोल्टनबर्ग ने दो वर्ष पहले ब्रिटिश अस्पतालों पर हुए सायबर हमलों की ओर ध्यान आकर्षित किया| वर्ष २०१७ में ब्रिटेन के ‘एनएचएस’ अस्पतालों पर ‘वॉनाक्राय’ के बडे सायबर हमलें हुए थे| इन सायबर हमलों में अस्पतालों की ‘मायक्रोसॉफ्ट विंडोज् ऑपरेटिंग सिस्टिम’ नाकाम हुई थी| इस वजह से अस्पतालों में तय कई ऑपरेशन्स का समय आगे करना पडा था| इसका असर मरिजों के स्वास्थ्य पर हुआ था|

अमरिका, ब्रिटेन ने इन सायबर हमलों के लिए उत्तर कोरिया को जिम्मेदार कहा था| साथ ही ब्रिटेन के अस्पतालों पर हुए ऐसे सायबर हमलों को नाटो जवाब दे, यह मांग भी की थी| तभी नाटो ने इस मांग की ओर अनदेखा किया था| लेकिन, आगे नाटो के किसी भी सदस्य देश पर सायबर हमला हुआ तो ‘आर्टिकल ५’ का इस्तेमाल किया जाएगा, यह ऐलान स्टोल्टनबर्ग ने किया|

अमरिका पर हुए ९/११ के आतंकी हमले के बाद नाटो ने ‘आर्टिकल ५’ का इस्तेमाल किया था| इसके बाद अमरिका ने अफगानिस्तान और इराक में शुरू किए आतंकविरोधी युद्ध में नाटो के अन्य सदस्य देश भी शामिल हुए थे| इसकी याद स्टोल्टनबर्ग ने दिलाई|

इस वजह से अगले दिनों में किसी भी नाटो सदस्य देश पर हुए सायबर हमले की और अनदेखा नही किया जाएगा, ऐसा नाटो के अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है| सायबर हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए नाटो ने स्वतंत्र सायबर कमांड विकसित करने का दावा किया जा रहा है| सीधे जिक्र किया ना हो, फिर भी नाटो के प्रमुख रशिया और चीन इन प्रतिस्पर्धी देशों को इशारा देते दिखाई दे रहे है|

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