२६/११ के हमले के पीछे पाकिस्तान होने के विधान पर शरीफ कायम

इस्लामाबाद: मुंबई पर हुआ २६/११ का आतंकवादी हमला पाकिस्तान के सहमति से हुआ है, यह उजागर तौर पर बयान देने वाले भूतपूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस विधान पर कायम होने की बात कही है। इस इकबालिया बयान के बाद शरीफ ने पाकिस्तान से गद्दारी करने का आरोप इस देश के भारत विरोधक और कट्टरपंथियों गटने शुरू किए हैं। इस झटके से बौखलाए पाकिस्तानी लष्कर ने उच्चस्तरीय सुरक्षा विषयक बैठक का आयोजन किया है । तथा अपने विरोध में शुरु विषैला प्रचार मुहिम को जवाब देते हुए शरीफ ने मैने कोई गलत बात नहीं कही है, ऐसा सूचित किया है।

२६/११, हमले, पाकिस्तान, विधान, शरीफ कायम, इस्लामाबाद, मुंबईमुंबई पर हुआ २६/११ का हमला करनेवाले आतंकवादी यह पाकिस्तान के सरकार और लष्कर से संबंधित न होने वाले ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ थे ऐसा कहकर पाकिस्तान आज तक अपना बचाव करता आ रहा है। पर भूतपूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यह आतंकवादी पाकिस्तान से ही गए थे और ऐसे आतंकवादियों को मुंबई में डेढ़ सौ लोगों की हत्या करने की अनुमति देना योग्य है? ऐसा प्रश्न शरीफ ने डॉन पाकिस्तानी दैनिक को दिए मुलाकात में किया था। यह मुलाकात प्रसिद्ध होने के बाद पाकिस्तान में खलबली मची थी। शरीफ ने भारत का पक्ष लेकर पाकिस्तान से गद्दारी करने का आरोप माध्यमों के गट ने शुरू किया है। पर पाकिस्तानी लष्कर ने इसके बाद उच्च स्तरीय सुरक्षा विषयक बैठक का आयोजन किया है।

भारत के रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने शरीफ द्वारा भारत के बारे में किये दावेका समर्थन किया है। तथा शरीफ इनके विधान का भारतीय माध्यमों ने एवं पाकिस्तान के कई लोगों ने गलत अर्थ निकाला है, ऐसा दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्बासी ने किया है। तथा शरीफ इनके पक्ष के कई सदस्य ने ऐसी भूमिका लेकर उसपर पर्दा डालने का प्रयत्न किया है। पर अपने विरोध में विषैला प्रचार शुरू होते हुए शरीफ ने अपने विधान पर कायम रहने का स्वाभिमान दिखाया है। “मैंने जो कुछ कहा है वह पाकिस्तान के भूतपूर्व हुकुमशाह परवेज मुशर्रफ, भूतपूर्व अंतर्गत रक्षा मंत्री रहमान मलिक और भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद दुरानी ने मंजूर किया था” इस पर शरीफ में ध्यान केंद्रित किया है।

२६/११ के आतंकवादी पाकिस्तान से ही मुंबई गए थे, यह मंजूर करना ही पड़ा, ऐसा ज़ोर देकर कहकर शरीफ ने पाकिस्तान के ऐसे दोगले धारणाओं की वजह से अपने देश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिमा गिर गई है, इस पर ध्यान केंद्रित किया है। आतंकवाद विरोधी युद्ध में ५०,००० से अधिक बली देकर भी दुनिया में पाकिस्तान का कहना कोई भी सुनने के लिए क्यो तैयार नहीं है, ऐसा प्रश्न शरीफ ने इस निमित्त से पूछा है।

“मैंने सत्य बोलकर पाकिस्तान से गद्दारी की है और उन्होंने पाकिस्तान की घटना पैरों तले कुचली है, वह देशभक्त माने जा रहे हैं, ऐसी टिप्पणी लगाकर भूतपूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने पाकिस्तान के लष्कर पर निशाना साधा है। तथा पाकिस्तान के माध्यम उन्हें देश द्रोही के तौर पर संबोधित कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें वैसा करने के लिए विवश किया जा रहा है, ऐसी आलोचना करके उसके पीछे पाकिस्तान के लष्कर का षड्यंत्र होने के संकेत शरीफ ने दिया है।

२६/११ का हमला होने के बाद उस समय पाकिस्तान के प्रमुख विरोधी पक्ष नेता होने वाले नवाज शरीफ ने यह हमला अपने देश के आतंकवादियों ने ही करने की का इकबालिया बयान दिया था। तथा दुनिया भर में कहीं भी आतंकवादी हमला हुआ तो सबसे पहले पाकिस्तान का ही नाम आगे आता है, इस पर पाकिस्तानी जनता विचार करें ऐसा आवाहन शरीफने किया है। प्रधानमंत्री पद से नीचे उतरने के बाद शरीफ ने यह विधान करके फिर एक बार पाकिस्तान को आईना दिखाने का प्रयत्न किया है।

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