आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का पाकिस्तान को तमाचा; कुलभूषण जाधव की सज़ा पर रोक

हेग, दि. १८ : अंतिम फैसला आने तक, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के लिए घोषित जी सज़ा पर अमल ना करें, ऐसे आदेश देकर आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को झटका दिया| इसके साथ ही, कुलभूषण जाधव को क़ानूनी सहायता देने की भारत की माँग आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने वैध बतायी| आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का यह फैसला भारत के लिए बड़ी जीत है, ऐसा माना जाता है| इसपर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और विदेशमंत्री ने खुशी जतायी है| वहीं पाकिस्तान ने यह निकाल मानने से इन्कार किया है|

आंतर्राष्ट्रीय न्यायालयकुलभूषण जाधव को पाकिस्तान के सेनान्यायालय ने फाँसी की सज़ा सुनाने के बाद, भारत ने इसके विरोध में आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी| सोमवार को भारत के वकील हरिश साळवे ने आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के सामने इस मामले में भारत का पक्ष रखा| उसी दिन पाकिस्तान के वकील ने उसका विरोध करने की कोशिश की| जाधव को दी हुई सजा यह पाकिस्तान के निजी सुरक्षा से जुड़ा प्रश्‍न है, यह बात आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अधिकारों के दायरे में नहीं आती, ऐसी दलील पाकिस्तान के वकील ने की थी|

आंतर्राष्ट्रीय न्यायालयसाथ ही, कुलभूषण जाधव का कबुलनामा देनेवाला विडीयो भी पाकिस्तान ने न्यायालय में रखने की कोशिश करके देखी| लेकिन न्यायालय ने इस विडीयो का सबूत के तौर पर स्वीकार करने से इन्कार करके पाकिस्तान को पहला झटका दिया था| आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय भारतीय समय के अनुसार दोपहर ३.३० के करीब इस मामले में फैसला देगा, ऐसा घोषित किया गया था| पूरे देश का ध्यान इस फैसले पर लगा था| आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम ने इस मामले में फैसला सुनाते समय, यह मामला पूरी तरह से आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के दायरे में आता है, ऐसा स्पष्ट किया| साथ ही, कुलभूषण जाधव को क़ानूनी सहायता देने का अधिकार भारत को है, ऐसा न्यायालय ने मंज़ूर किया था| वहीं, अगला फैसला आने तक पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को घोषित की हुई सज़ा पर अमल ना करें, ऐसे आदेश आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने दिये हैं|

यह अंतरिम फैसला है और व्हिएन्ना समझौते पर दस्तखत करने वाले भारत और पाकिस्तान के लिए बंधनकारक है, ऐसा खुलासा आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने किया है| यह फैसला घोषित होने के बाद भारतीय मीडिया ने खुशी जताई| पाकिस्तान की दोमुँही नीति इसके कारण आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज़ाहिर हो गयी, ऐसा कहकर भारतीय विश्‍लेषकों ने इस फैसले का स्वागत किया| भारत के प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और विदेशमंत्री ने इस फैसले का स्वागत किया है| विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने, आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में भारत का पक्ष रखने वाले हरिश साळवे का अभिनंदन किया | भारत सरकार ने इस मामले में दिखाई तत्परता सबसे महत्त्वपूर्ण साबित हुई, ऐसा कहकर साळवे ने, सरकार को इसका श्रेय देना ही चाहिए, ऐसा कहा है|

पाकिस्तान फैसले का स्वीकार नहीं करेगा

इस्लामाबाद, दि. १८ (पीटीआय) – ‘अपनी निजी सुरक्षा से जुड़े मामले में पाकिस्तान आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फैसला मानेगा नहीं| कुलभूषण जाधव का यह मामला आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के सामने ले आकर, भारत अपना असली चेहरा छुपाने की कोशिश कर रहा है, ऐसे शब्दों मे पाकिस्तान ने अपनी निराशा प्रदर्शित की| पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नफीस झकारिया ने भले ही यह प्रतिक्रिया दी हो, मग़र फिर भी ‘यह फैसला पाकिस्तान के लिए बंधनकारक है’ ऐसा खुलासा जानकार कर रहे हैं|

आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का यह फैसला पाकिस्तान के खिलाफ जा सकता है, ऐसी चिंता इस देश के कुछ पत्रकार और विश्‍लेषक पहले से ही दे रहे थे| उनका यह ड़र सच हुआ। अब इस फैसले की वजह से पाकिस्तान की आबरू आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिर एक बार मिट्टी में मिली दिखायीदे रही है| यह फैसला स्वीकारेंगे नहीं, ऐसी भूमिका अपनाकर पाकिस्तान अपनी दिक्कतों को बढ़ा रहा है, ऐसा दिख रहा है|

मानवातावाद का मुद्दा आगे करके भारत कुलभूषण जाधव का मामला आंतरर्राष्ट्रीय न्यायालय के सामने लेकर गया| लेकिन यह कार्रवाई मतलब दुनिया का ध्यान दूसरी तरफ खींचने की कोशिश है, ऐसी आलोचना नफीस झकारिया ने की| आनेवाले समय में, पाकिस्तान भारत के जासूसों के खिलाफ आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुख्ता सबूत पेश करेगा, ऐसा भी झकारिया ने कहा है|

 

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