भारत के साथ संबंध सुधारने में पाकिस्तान को दिलचस्पी नहीं है – केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह

जम्मू: ‘पाकिस्तान को भारत के साथ संबंध सुधारने में दिलचस्पी नहीं है’, ऐसा आरोप केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लगाया है। जम्मू-कश्मीर के चार दिन के दौरे पर आए राजनाथ सिंह ने, पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा पर किए जा रहे संघर्ष बंदी के उल्लंघन का प्रमाण देते हुए यह आरोप किए हैं। लेकिन पाकिस्तान की गोलीबारी को कडवा प्रत्युत्तर देकर भारत आने वाले समय में पाकिस्तान को अपनी चुनौती भरे कार्रवाइयों को रोकने पर मजबूर करेगा, ऐसा आश्वासन इस समय राजनाथ सिंह ने दिया है।

भारत के साथ संबंध९ सितम्बर से केन्द्रीय गृहमंत्री जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं। इस दौरे में कश्मीर के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेताओं से लेकर महत्वपूर्ण नेताओं के साथ राजनाथ सिंह ने चर्चा की। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील नियंत्रणरेखा के पास वाले इलाकों को भी केन्द्रीय गृहमंत्री ने भेट दी। विशेष रूप से नियंत्रणरेखा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी की वजह से अपने घरों को छोडकर बंकरों में रहना पड रहे नागरिकों की राजनाथ सिंह ने सराहना की। इन नागरिकों के लिए नियंत्रणरेखा के पास लगभग ६० बंकर बांधे गए हैं। यंहा के नागरिकों के साथ बातें करते हुए राजनाथ सिंह ने ‘पूरे देश को आपके योगदान का एहसास है’, ऐसा कहा है। उसके बाद पाकिस्तान की कुरापतों का राजनाथ सिंह ने खबर ली।

सन २०१४ से पाकिस्तान हर साल नियंत्रण रेखा पर ४०० से अधिकबार संघर्ष बंदी का उल्लंघन करता आ रहा है। यह उल्लंघन पाकिस्तान ने रोकना चाहिए। अन्यथा भारत कडवा जवाब देकर पाकिस्तान को अपनी चुनौती भरे कार्रवाइयों को रोकने पर मजबूर कर देगा, एस गृहमंत्री ने कहा। साथ ही पाकिस्तान की ओर से किए जाने वाले इस संघर्ष बंदी के उल्लंघन को देखते हुए लग रहा है कि इस देश को भारत के साथ संबंध सुधारने में दिलचस्पी नहीं है, ऐसा दाग राजनाथ सिंह ने लगाया है। पिछले कुछ हफ़्तों से नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी बढ़ गई है और उसके पीछे सुनि योजित षडयंत्र होने की बात फिर एक बार स्पष्ट हुई है।

भारतीय लष्कर और निमलष्करी दल के साथ जम्मू-कश्मीर के पुलिस ने भी आतंकवादियों के खिलाफ आक्रामक मुहीम हाथ में ली है। इस मुहीम को बहुत बड़ी सफलता मिल रही है और इस साल की शुरुआत से अब तक सौ से अधिक आतंकवादी और उनके लीडर मारे गए हैं। इस वजह से यंहां की आतंकवादी संगठनों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और उनको मदद करने के लिए पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा के माध्यम से ज्यादा आतंकवादी जम्मू कश्मीर में घुसाने की कोशिश कर रहा है। इसी लिए पाकिस्तान की सेना भारतीय सेना की चौकियों पर गोलीबारी करके इन आतंकवादियों के लिए रास्ता खुला करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन लष्कर साथ ही बीएसएफ की सतर्कता की वजह से इन घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया जा रहा है।

ऐसी परिस्थिति में पाकिस्तान की ओर से भारत जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का दुरुपयोग कर रहा है, ऐसा झूठा इल्जाम लगा रहा है। उसी समय पाकिस्तान के सेनाप्रमुख भारत कश्मीर की समस्या चर्चा करके सुलझाए, ऐसी माँग कर रहे हैं।

लेकिन जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ता, तब तक चर्चा संभव नहीं ऐसा कहकर भारत ने इस चर्चा के प्रस्ताव का इंकार किया है। इस वजह से दुविधा में फंसे पाकिस्तान में भी अब इस समस्या पर चर्चा शुरू हुई है और आतंकवाद को मदद करने की नीति की वजह से पाकिस्तान को बर्दाश्त करने पड रहे नुकसान की तरफ जानकार ध्यान खींच रहे हैं।

लेकिन अभी भी पाकिस्तान की सेना अपना भारत द्वेष और भारत के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल करना छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसी बात का एहसास करके दिया है।

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