साउथ सूड़ान में अनाज़ की भयंकर किल्लत निर्माण होगी – संयुक्त राष्ट्र संघ की संगठन का इशारा

दर्फूर – अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने साउथ सूड़ान के सामने खड़ी विभिन्न चुनौतियों का विचार करके समय पर कदम नहीं बढ़ाए तो इस देश में जल्द ही भूखमरी सुरू होगी, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘फूड ॲण्ड एग्रीकल्चरल ऑर्गनाइजेशन’ ने दी है। लेकिन, यदि साउथ सूड़ान के कृषि क्षेत्र का विकास करने के लिए उचित दिशा में कदम बढ़ाए तो यह देश पूर्व अफ्रीकी देशों के लिए ‘ब्रेड बास्केट’ बन सकता है, ऐसा दावा भी इस संगठन ने किया।

साउथ सूड़ान में अनाज़ की भयंकर किल्लत निर्माण होगी - संयुक्त राष्ट्र संघ की संगठन का इशारापिछले कुछ सालों से साउथ सूड़ान अस्थिरता, वित्तीय संकट और मौसम के बदलाव जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। इस देश में युवाओं की संख्या बड़ी है। लेकिन, दिशा के अभाव में यह युवा भटककर उन्होंने अपना रुख हिंसा की ओर करने की चिंता संयुक्त राष्ट्र संघ ने व्यक्त की। इसका असर साउथ सूड़ान की सामाजिक एवं वित्तीय गतिविधियों पर होने का दावा संयुक्त राष्ट्र संघ के ‘फूड ॲण्ड एग्रीकल्चरल ऑर्गनाइजेशन-एफएओ’, ‘इंटरनैशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट-आईएफएडी’ और ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम-डब्ल्यूएफपी’ इन तीन संगठनों ने किया।

साउथ सूड़ान को अन्य देशों से अनाज़ आयात करने की भी आवश्यकता नहीं। लेकिन, मौसम के बदलाव, खेती के लिए ज़रूरी बुनियादी सुविधाओं की कमी, अस्थिरता और वित्तीय समस्याओं के कारण इस देश के कृषि क्षेत्र का नुकसान हुआ हैं। इस समस्या का हल निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सहायता मुहैया की तो साउथ सूड़ान पूर्व अफ्रीकी देशों के लिए ‘ब्रेड बास्केट’ यानी अनाज़ की आपूर्ति करने वाला देश बन सकता है, यह दावा भी इन संगठनों ने अपनी रपट में किया है।

साउथ सूड़ान के कृषि क्षेत्र की हुई उपेक्षा के कारण इस देश की सीर्फ चार प्रतिशत ज़मीन ही खेती के लिए उपयुक्त बची है। इस वजह से यहां की खेती के लिए आवश्यक ज़मीन पर काम किया तो इस देश की समस्या दूर होंगी। साउथ सूड़ान के ८० प्रतिशत युवक आज़ भी गावों में बसे हैं। कृषि क्षेत्र का विकास हुआ तो इन युवकों को खेती की ओर भेजना मुमकीन होगा, ऐसा दावा इस संगठन ने किया है।

इसी बीच, पिछले कुछ सालों से साउथ सूड़ान इन चुनौतियों का सामना कर रहा था। ऐसे में पिछले चार सालों से सूड़ान में शुरू गृहयुद्ध का अप्रत्यक्ष परिणाम साउथ सूड़ान पर भी हुआ हैं। सूड़ान के लगभग दो लाख लोगों ने साउथ सूड़ान में स्थानांतरण करने की ओर इन संगठनों ने ध्यान आकर्षित किया।

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