येमन के दो करोड़ से भी अधिक लोग भूखमरी और सुखे के संकट में – संयुक्त राष्ट्र संगठन का इशारा

सना – संघर्षग्रस्त येमन में उभरा मानवीय संकट नियंत्रण से बाहर हो चुका है और दो करोड़ से अधिक लोगों को भूखमरी और सूखे के भीषण संकट का सामना करना पड़ेगा, यह इशारा संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिया है। येमन में वर्ष २०१४ से अंदरुनि संघर्ष जारी है और बीते कुछ महीनों में इसकी तीव्रता फिर से बढ़ने की बात सामने आयी है। इस संघर्ष में हज़ारों लोग मारे गए हैं और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।

भूखमरीसंयुक्त राष्ट्र संघ के ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ ने येमन की स्थिति पर गंभीर चेतावनी जारी की है। ‘येमन में अनाज़ की आपूर्ति करने वाली यंत्रणा तबाह हुई है और अनाज़ की कीमतें आसमान छु रही हैं। बढ़ती कीमतें और र्इंधन की किल्लत की वजह से देश में आपाद स्थिति निर्माण हुई है। लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक लोग भूखमरी की दहलीज पर हैं और ५० लाख से अधिक लोग सूखे की खाई में गीर सकते है’, इन शब्दों में ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ के संचालक डेविड बिस्ले ने येमन की स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया।

भूखमरीआगे के लिए आवश्‍यक निधी प्राप्त नहीं हुआ तो बेवजह ३२ लाख लोगों का राशन बंद करना पड़ेगा और दिसंबर तक इन लोगों की संख्या बढ़कर ५० लाख तक पहुँच सकती है, यह ड़र भी बिस्ले ने व्यक्त किया। येमन की जनता के पास रोज़मर्रा की अनाज़ की ज़रूरतें पूरी करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है, यह दावा भी ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ के येमन स्थित प्रतिनिधि ने किया है। प्रतिदिन यह संघर्ष अधिक तीव्र होता जा रहा है और इसकी वजह से अनाज की आपूर्ति पर भी मर्यादा आयी है और इससे भूखमरी की समस्या अधिक भीषण हो गई है, ऐसा स्वयंसेवी गुट कह रहे है।

येमन में वर्ष २०१४ से जारी संघर्ष में सौदी अरब वर्ष २०१५ में शामिल हुआ था। लेकिन, छह वर्ष बाद भी यह संघर्ष खत्म नहीं हुआ है और सरकार एवं ईरान समर्थक हौथी विद्रोहियों के बीच लगातार मुठभेड़ हो रही है। बीते कुछ महीनों में हौथी विद्रोहियों ने कई अहम इलाकों पर कब्ज़ा करने की बात सामने आयी है। हौथी विद्रोहियों ने स्वयंसेवी गुटों पर एवं राहतकार्य पर प्रतिबंध लगाने के आरोप पश्‍चिमी माध्यम लगा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.