जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या करनेवाले आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढ़ेर किया

नई दिल्ली – जम्मू-कश्मीर में बीते महीने आम नागरिकों की हत्या करनेवाले लगभग सभी आतंकियों को ढ़ेर करने की सफलता सुरक्षा बलों को हासिल हुई है| इसके बाद आम नागरिकों को लक्ष्य करनेवाले आतंकियों को मारने के लिए सुरक्षा बलों ने गापनीय जानकारी के आधार पर ‘सर्जिकल ऑपरेशन्स’ करने की तैयारी की है| गुप्तचर संस्था, जम्मू-कश्मीर का पुलिस बल, सेना के समन्वय से छोटे दलों की सहायता से इन मुहिमों में सफलता हासिल की जाएगी| इसके लिए स्थानीय लोगों को भी विश्वास में लिया जाएगा| इससे आतंकियों को मारते समय सुरक्षा बलों को किसी भी तरह का खतरा नहीं होगा, यह जानकारी सूत्रों ने प्रदान की|

नागरिकों की हत्याकश्मीर घाटी के श्रीनगर में ७ अक्तुबर के दिन आतंकी मेहरान यासिन शाला ने दो शिक्षकों की हत्या की थी| यह हत्या करनेवाले मेहरान यासिन शाला को सुरक्षा बलों ने २४ नवंबर के दिन ढ़ेर किया| बीते महीने अदिल वाणी नामक आतंकी ने अंधाधुंध गोलीबारी करके दो लोगों की हत्या की थी| २० अक्तुबर के दिन ही शोपियान जिले में मुठभेड़ के दौरान अदिल वाणी को सुरक्षा बलों ने मार गिराया| १७ अक्तुबर दिन कुलगाम में आतंकी गुलजार अहमद रेशी ने दो बिहारी मज़दूरों के साथ एक स्थानीय नागरिक की हत्या की थी| इसके तीन बाद ही सुरक्षा बलों ने गुलजार रेशी को ढ़ेर किया|

इस तरह जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों की हत्या करनेवाले लगभग सभी आतंकियों को मारने में सुरक्षा बलों ने सफलता हासिल की है| लेकिन, आतंकियों ने अपनी रणनीति में बदलाव करने से आनेवाले दिनों में इन आतंकियों को खत्म करने के लिए अलग नीति का इस्तेमाल करने की तैयारी सुरक्षा बलों ने की है| कई बार आतंकी नागरी बस्तियों में छुपे रहते हैं| ऐसी स्थिति में उन पर कार्रवाई करने पर काफी बड़ी संख्या में नागरिकों की जान का नुकसान होने का खतरा रहता है| इस पर गौर करके सुरक्षा बलों ने कुछ मामलों में आतंकियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें भागने का अवसर दिया था, यह जानकारी सूत्रों ने प्रदान की|

जम्मू-कश्मीर में मौजूद अपने हस्तकों को पाकिस्तान ने आतंकी कार्रवाई करते समय अधिकाधिक संख्या में लोगों को मारकर भारतीय यंत्रणाओं पर दबाव बढ़ाने के निर्देश दिए थे| किसी भी जगह पर आतंकी हमले को अंजाम देते समय हमले में कम से कम १० लोग मारे जाने चाहिएं, ऐसे इशारे पाकिस्तानी आकाओं ने इन आतंकियों को दिए थे| यह साज़िश सफल ना हो, इसके लिए प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस, सेना के छोटे दलों के ज़रिये ‘सर्जिकल ऑपरेशन्स’ करने की तैयारी सुरक्षा बलों ने जुटाई है| इसके लिए स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर उन्हें भी इसमें शामिल किया जाएगा|

विगत दौर में पाकिस्तान द्वारा भारत के द्वेष से भरे दुष्प्रचार का शिकार हुए बिना जम्मू-कश्मीर के स्थानिक आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों की सहायता किया करते थे| इसका असर देखने के बाद आनेवाले दिनों में यह सहयोग बढ़ाने के लिए जानबूझकर कोशिश की जाएगी| इससे ज्यादा खतरा उठाए बिना आतंकियों को मारना सुरक्षा बलों के लिए अधिक आसान होगा, ऐसा सूत्रों का कहना है| जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को मिटाने के लिए यह उपाय काफी प्रभावी साबित हो सकता है, यह दावा भी किया जा रहा है|

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