सुरक्षा परिषद की ओर से उत्तर कोरिया पर कठोर प्रतिबंधों की घोषणा – प्रतिबंधों के बाद उत्तर कोरिया की अमरीका को नई धमकी

संयुक्त राष्ट्रसंघ: परमाणु परिक्षण करके वैश्विक स्थैर्य और शांति को धक्का पहुँचाने वाले उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने कठोर प्रतिबन्ध लगाने का निर्णय लिया है। चीन और रशिया की कोशिश की वजह से उत्तर कोरिया पर अधिक कठोर प्रतिबन्ध लादने नहीं मिला, फिर भी उत्तर कोरिया को इशारा देने के लिए यह प्रतिबन्ध काफी होने का दावा किया जा रहा है। इन प्रतिबंधों का अन्य देशों ने स्वागत किया है। लेकिन उत्तर कोरिया ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देकर अमरीका को भयंकर दुखदायक जवाब मिलेगा, ऐसी धमकी दी है।

पिछले हफ्ते हायड्रोजन बम का परिक्षण करके उत्तर कोरिया ने कोरियन क्षेत्र के साथ पूरी दुनिया में खलबली मचाई है। नियमित रुप से परमाणु परिक्षण करके वैश्विक शांति को धक्का पहुँचाने वाले इस देश पर कठोर प्रतिबंधों का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। हम पर प्रतिबन्ध लगाए तो उसके भयानक परिणाम होंगे, ऐसा इशारा उत्तर कोरिया ने इसके पहले ही दिया था।

सुरक्षा परिषदसुरक्षा परिषद की बैठक में उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध लगाने पर एकमत हुआ है, फिर भी चीन और रशिया यह देश इस प्रतिबन्ध की तीव्रता कम करने की आग्रही माँग कर रहे थे। इसके अनुसार अमरीका ने इसके बारे में समझौता करने की तैयारी दर्शाने के बाद इस प्रतिबन्ध के निर्णय की घोषणा की गई। इसके अनुसार उत्तर कोरिया की ओर से की जा रही कपड़ों की निर्यात पर पूर्ण रूप से पाबन्दी लगाई गई है। उत्तर कोरिया की ओर से हर साल करीब ७५ करोड़ डॉलर्स से अधिक मात्रा में कपड़ों की निर्यात की जाती है। इस वजह से उत्तर कोरिया को इस निर्णय का बहुत बड़ा झटका लगने वाला है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया को मिलने वाले इंधन पर भी प्रतिबन्ध लगाए गए हैं। अब यह देश हर साल सिर्फ २० लाख बॅरेल्स इंधन आयात कर सकता है।

सुरक्षा परिषदसुरक्षा परिषद के १५ सदस्य देशों में से कुछ देशों ने उत्तर कोरिया की इंधन आयात पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की यात्रा पर तथा उनकी विदेश की संपत्ति पर लगाम लगाने का प्रस्ताव भी अमरीका ने रखा था। लेकिन इस वजह से उत्तर कोरिया पर भयंकर मानवी आपत्ति आएगी, इस बात की तरफ ध्यान खींचकर चीन और रशिया ने इसका विरोध किया। उसके बाद हर साल २० लाख बॅरेल्स इंधन की आयात पर अमरीका ने समझौता किया।

अमरीका के संयुक्त राष्ट्रसंघ के राजदूत निक्की हॅले ने उत्तर कोरिया पर कठोर प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक था, ऐसा मत दिया। ‘उत्तर कोरिया सही काम करे इसके लिए हम कोशिश नहीं कर रहे हैं। वर्तमान में यह देश ग़लत चीजें न करे, इसके लिए उसे रोकने की हम कोशिश कर रहे हैं’, इन शब्दों में हॅले ने अपना असमाधान व्यक्त किया है।

रशिया के संयुक्त राष्ट्रसंघ के राजदूत विसली नेबेंझिया ने परमाणुधारी देश के तौर पर मान्यता पाने की उत्तर कोरिया की महत्वाकांक्षा नहीं स्वीकारी जा सकती, इस बात को मान्य किया है। लेकिन इस देश पर प्रतिबन्ध लगाकर ज्यादा कुछ हासिल नहीं होगा, ऐसा नेबेंझिया ने कहा है। उल्टा कठोर प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया की निर्दोष जनता को भयंकर तकलीफों का सामना करना पड़ेगा और इस वजह से बहुत बड़ी मानवी आपत्ति सामने आएगी, इस बात की तरफ नेबेंझिया ने ध्यान खींचा है। इस आपत्ति को टालने के लिए चीन और रशिया कर रही कोशिशों को नजरअंदाज करना ग़लत होगा, ऐसा दावा नेबेंझिया ने किया है।

दौरान, उत्तर कोरिया ने सुरक्षा परिषद के इन प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरीका को दुखदायक जवाब मिलेगा, ऐसी धमकी दी है। अमरीका का नेतृत्व उत्तर कोरिया का यह सन्देश ठीक से समझ लेगा, ऐसा भी उत्तर कोरिया के प्रतिनिधियों ने कहा है।

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