उत्तर कोरिया की गतिविधियाँ, आक्रामक रशिया और आतंकवादी हमले इस पृष्ठभूमि पर दुनिया बहुत ही खतरनाक पड़ाव पर खड़ी है – नाटो प्रमुख का इशारा

लन्दन, दि. ९ (वृत्तसंस्था): उत्तर कोरिया की ओर से सर्व संहारक शस्त्रों को दिया जा रहा प्रोत्साहन, दुनिया के विविध इलाकों में हो रहे आतंकवादी हमले, अस्थिरता और आक्रामक हुई रशिया इस पृष्ठभूमि पर दुनिया बहुत ही खतरनाक पड़ाव पर खड़ी है, ऐसा इशारा नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने दिया है। सिर्फ २४ घंटों पहले ही, अमरीका का लष्करी प्रत्युत्तर उत्तर कोरिया के नेतृत्व के लिए सबसे दुखदायक साबित होगा, ऐसा कठोर इशारा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया था। कोरियन इलाके में उभरी हुई समस्या की पृष्ठभूमि पर ‘तीसरा विश्वयुद्ध’ भडक सकता है, ऐसी भविष्यवाणी की जा रही है।

आक्रामक रशियाएक ब्रिटिश दैनिक को दिए हुए इंटरव्यू में नाटो के प्रमुख जेम्स स्टोलनबर्ग ने वर्तमान में दुनिया बहुत ही कठिन समय का सामना कर रही है, ऐसा दावा किया है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हमें एक ही समय पर कई चुनौतियों का मुकाबला करना पड रहा है। इस वजह से वर्तमान का कालखंड बहुत ही अनिश्चित और और कठिन पड़ाव पर दिखाई दे रहा है’, ऐसा स्टोलनबर्ग ने कहा। ‘उत्तर कोरिया में सर्व संहारक शस्त्रों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। दुनिया भर में आतंकवादी हमले शुरू हैं। विश्वस्तर पर बहुत ही अस्थिरता दिखाई दे रही है। रशिया जैसा देश भी बहुत ही आक्रामक नीति अपना रहा है। पूरी दुनिया अधिकाधिक धोकादायक बनती जा रही है’, इन शब्दों में स्टोलनबर्ग ने इशारा दिया है।

आक्रामक रशियाउत्तर कोरिया की समस्या पर राजनितिक विकल्प का ही हम समर्थन करेंगे, ऐसा कहते हुए नाटो प्रमुख ने दक्षिण कोरिया और जापान की ओर से शुरू आक्रामक लष्करी तैयारी का भी समर्थन किया। उत्तर कोरिया की ओर से शुरू आक्रामक गतिविधियों को प्रतिसाद देने का और खुद की रक्षा करने का अधिकार इन देशों को निश्चित है, ऐसा दावा स्टोलनबर्ग ने किया है। कोरियन इलाके में अमरीका की लष्करी तैनाती को भी उन्होंने समर्थन दिया है।

उत्तर कोरिया की समस्या पर अपनी भूमिका स्पष्ट करने वाले नाटो प्रमुख ने रशिया की अक्रमकता का मुद्दा भी रखा। नाटो प्रमुख ने अभी अभी चार पूर्व यूरोपीय देशों का दौरा किया है। इस्टोनिया, लाटविया, लिथुआनिया और पोलैंड का दौरा करके उन्होंने इन देशों की लष्करी तैनाती की जानकारी ली। रशिया की आक्रामक गतिविधियों को रोकने के लिए नाटो ने पूर्व यूरोपीय देशों में अतिरिक्त सज्जता पर जोर दिया है और उसकी तैयारी देखना इस दौरे का उद्द्येश्य था, ऐसा नाटो प्रमुख ने कहा है।

आने वाले कुछ दिनों में रशिया और बेलारूस ‘झॅपड २०१७’ इस लष्करी अभ्यास की शुरुआत कर रहा हैं। इस अभ्यास के लिए रशिया यूरोपियन सीमा पर करीब एक लाख सैनिक तैनात करने वाला है, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। रशिया ने इन दावों को नाकारा है और ३० हजार तक सैनिक तैनात किए जा रहे हैं, इस बात को स्पष्ट किया है।

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