तुर्की और रशिया में ‘एस-४००’ मिसाइल यंत्रणा मामले में अनुबंध – तुर्की राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन

इस्ताम्बुल/मोस्को: तुर्की ने रशिया के साथ ‘एस-४००’ इस अत्याधुनिक मिसाइल भेदी यंत्रणा की खरीदारी अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की जानकारी तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने दी है। इस समय राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने तुर्की के रक्षा क्षेत्र के निर्णय सन्दर्भ में अन्य देशों को आपत्ति जताने का अधिकार नहीं है, ऐसा भी कहा। तुर्की ने ‘नाटो’ सदस्य नहीं है ऐसे देश से पहली बार प्रगत मिसाइल यंत्रणा खरीदी है और यह अनुबंध नाटो की चिंता को और भी बढ़ने वाली बात है। रशिया ने भी तुर्की के साथ का अनुबंध अपने सामरिक हितसंबंधों का एक हिस्सा है, इस बात को स्पष्ट किया है।

‘एस-४००’पिछले कुछ महीनों में तुर्की ने रशिया के साथ संबंध सुधारने पर जोर दिया है और तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने मार्च महीने में रशिया का दौरा किया था। इस दौरे में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई चर्चा में, सीरिया संघर्ष में सहकार्य के साथ इंधन, व्यापार और रक्षा क्षेत्र में सहकार्य बढाने पर एकमत हुआ था। इस समय रक्षा क्षेत्र के सहकार्य सन्दर्भ में अनुबंध करने के संकेत भी दिए गए थे। उसके बाद अगस्त माह में रशिया के रक्षा दल प्रमुख जनरल व्हालरी गेरासिमोव्ह ने तुर्की को भेंट दी थी।

रशिया की प्रगत मिसाइल भेदी यंत्रणा ‘एस-४००’ बारे में अनुबंध यही जनरल गेरासिमोव्ह की भेंट का मुख्य उद्देश्य था, ऐसा दावा किया जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने मंगलवार को अनुबंध के सन्दर्भ में दी जानकारी ने इस दावे को पुष्टि दी है। ‘रशिया से एस-४०० की खरीदारी करने के अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस सन्दर्भ में रकम भी जमा की गई है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष और मै इस अनुबंध पर मजबूत थे’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने अनुबंध होने की जानकारी दी।

‘एस-४००’रशिया ने भी तुर्की के साथ हुए अनुबंध की पुष्टि की है। राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के सेना सलाहकार व्लादिमीर कोझिन ने तुर्की के साथ ‘एस-४००’ का अनुबंध रशिया के सामरिक हितसंबंधों की रक्षा करनेवाला है, ऐसा कोझिन ने कहा है। इस अनुबंध को लेकर कुछ पश्चिमी देशों ने तुर्की पर दबाव डालने की कोशिश की थी, इसी बात से इस अनुबंध का महत्व ध्यान में आएगा, ऐसा भी उन्होंने कहा है।

‘एस-४००’ रशिया ने विकसित किए हुए प्रगत मिसाइल यंत्रणाओं में से एक है जिसकी मंजिल करीब ४०० किमी इतनी है। एकही समय पर ८० लक्ष्यों पर आक्रमण करने की क्षमता इस यंत्रणा में है। रशिया ने वर्तमान में सीरिया के लताकिया अड्डे पर ‘एस-४००’ तैनात की है।

तुर्की से ‘एस-४००’ की खरीदारी महत्वपूर्ण घटना है, जो अमरिका और नाटो के लिए चिंता की बात है। तुर्की नाटो का सदस्य देश है और ऐसे में रशियन यंत्रणा की खरीदारी करना अमेरिका और यूरोपीय देशों की नाराजगी बढाने वाली बात है। लेकिन, कुर्द बागियों के मुद्दे को लेकर अमेरिका के साथ निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर तुर्की ने रशिया से खरीदी हुई यंत्रणा का समर्थन किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.