रशिया-ईरान सहयोग का दायरा बढ़ा

मास्को/तेहरान – रशिया और ईरान ‘राश्त-अस्तारा’ रेलवे प्रकल्प शुरू कर रहे हैं। इस अवसर पर रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने यह दावा किया है कि, वैश्विक संचार सुविधा के क्षेत्र में यह परियोजना अहम साबित होगी। इसी बीच ईरान दौरे पर पहुंचे रशिया के उप-प्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवाक ने यह ऐलान किया है कि, दोनों देश मिलकर ईंधन वायू प्रकल्प विकसित करेंगे। इसके साथ ही रशिया की व्हीटीबी बैंक ने ईरान में अपनी शाखा शुरू की है। यह सभी खबरें रशिया-ईरान सहयोग प्रचंड़ मात्रा में बढ़ता दिखा रहे हैं। 

‘राश्त-अस्तारा’ रेलवे प्रकल्प दोनों देशों के लिए काफी अहम साबित होगा ऐसा दावा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया। यह परियोजना भारत, ईरान, अज़रबैजान और रशिया को समुद्री और रेल मार्ग से जोड़ेगी, ऐसा कहा जा रहा है। इसे सुएझ नहर उतनी अहमियत प्राप्त होगी, ऐसा दावा रशिया कर रही हैं। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में रशियन राष्ट्राध्यक्ष नेे यह प्रकल्प ‘नॉर्थ-साउथ ट्रान्सपोर्ट’ का हिस्सा होने का बयान किया हैं।

इस परियोजना की खबरें सामने आने के दौरान ही रशिया के उप-प्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवाक के ईरान दौरे की चर्चा शुरू हुई है। रशियन उप-प्रधानमंत्री के इस दौरे में दोनों देशों ने १० संयुक्त ईंधन और वायु प्रखल्प विकसित करने का निर्णय किया। इसके अनुसार ईरान में रशिया छह ईंधन तेल कुएं और दो ईंधन वायु भंड़ार का खनन करेगी। इस वजह से रशिया और ईरान का ईंधन सहयोग अधिक मज़बूत और व्यापक होगा। इसके साथ ही रशिया की दुसरें स्थान की बड़ी बैंक ‘वीटीबी’ ने ईरान में शाखा शुरू करने की खबरें प्राप्त हुई हैं। 

अमरीका ने लगाए प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था के हालात काफी बिगड़े थे। ईरान की ईंधन निर्यात भी इससे बाधित हुई थी। ऐसी स्थिति में चीन ने ईरान में प्रचंड़ निवेश करने की तैयारी जुटाई थी। लेकिन, दोनों देशों का यह निवेश संबंधित यह सहयोग ने अभी भी उम्मीद के अनुसार गति प्राप्त नहीं की है। ऐसी स्थिति में रशिया ईरान से सहयोग बढ़ाती दिख रही है।

कुछ दिन पहले ही हेरिटेड फाऊंडेशन के दो अभ्यासकों ने रशिया-ईरान सहयोग से अमरीका सावधान रहें, ऐसा इशारा दिया था। इन दोनों देशों का सहयोग खाड़ी क्षेत्र में काफी बड़ी उथल-पुथल कर रही हैं। इस वजह से अमरीका ने रशिया और ईरान का सहयोग रोकने के लिए समय पर कदम उठाए नहीं तो खाड़ी क्षेत्र में कोहराम मचेगा। इससे यहां अमरीका का प्रभाव खत्म होगा, ऐसा अभ्यासक जेम्स फिलिप्स और पीटर ब्रूक्स ने कहा था।

ईरान और सौदी अरब की बातचीत चीन की मध्यस्थता से हुई हो, फिर भी इसके पीछे ईरान-रशिया सहयोग का बड़ा हिस्सा हैं, ऐसा इन अभ्यासकों का कहना हैं। साथ ही सीरिया १२ साल बाद फिर से अरब लीग का सदस्य बना हैं, इसके पीछे भी रशिया और ईरान का सहयोग ही है, ऐसा इन अभ्यासकों ने कहा है। इसी वजह से रशिया और ईरान के सहयोग के अमरीका पर होनेवाले दुष्परिणाम और अनर्थ टालना हैं तो अमरीका को खाड़ी क्षेत्र के अपने सहयोगी देशों को साथ लेकर उचित कदम उठाने होंगे, ऐसा अनुमान इन अभ्यासकों ने दर्ज़ किया है। पिछले कुछ दिनों में रशिया और ईरान के जारी सहयोग पर गौर करें तो जेम्स फिलिप्स और पीटर ब्रूक्स ने दी हुई चेतावनी वास्तव में उतरती दिख रहे।

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