ईरान करेगा रशिया से ‘सुखोई-३५’ विमान की खरीद – ईरानी वायुसेना के अधिकारी का दावा

तेहरान – अमरीका और ईरान के परमाणु समझौते के मुद्दे से जुड़ी खबरें प्रसिद्ध हो रही हैं और इसी बीच ईरान ने रशिया से लड़ाकू सुखोई विमान खरीद करने का ऐलान किया। इससे ईरान से परमाणु समझौता करने के लिए पहल कर रहा बायडेन प्रशासन की मुश्‍किलें अधिक बढ़ती दिख रही हैं। रशिया से इजिप्ट को सुखोई-३५ विमानों की आपूर्ति होनेवाली थी। लेकिन, अमरीका ने प्रतिबंधों की धमकी देने के बाद इजिप्ट इस कारोबार से पीछे हटा। लेकिन, इजिप्ट की जगह अब ईरान ले रहा हैं और रशिया-ईरान का यह कारोबार बायडेन प्रशासन के लिए काफी बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती हैं।

‘सुखोई-३५’ईरान की वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडिअर जनरल हमिद वाहेदी ने स्थानिय वृत्तसंस्था से बातचीत करते समय ईरान रशिया से ‘फोरप्लस प्लस वर्ग के ‘सुखोई ३५’ विमानों की खरीद करने की जानकारी प्रदान की। ईरान की वायु सेना के लिए फिलहाल ६४ विमानों की ज़रूत हैं। इनमें से २४ विमानों की आपूर्ति इजिप्टकरनेवाला था। लेकिन, अमरीका के दबाव के बाद इजिप्ट ने ईरान को यह विमान प्रदान करना टाल दिया था।इस वजह से ईरान ने भरवशा के मित्रदेश रशिया से अपने वायुसेना की ज़रूरतें पूरे करने का निर्णय किया ऐसा ब्रिगेडिअर जनरल वाहेदी ने ऐलान किया।

‘सुखोई-३५’रशिया भी ईरान को शीघ्रता से लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की सकता हैं। रशिया और इजिप्ट की ‘सुखोई-३५’ विमानों की खरीद के मुद्दे पर बातचीत हुई थी। अगले साल के शुरू में रशिया इजिप्ट को १५ विमानों की आपूर्ति करने के लिए तैयार थी। लेकिन, अमरीका के बायडेन प्रशासन ने इजिप्ट को ‘काऊंटरिंग अमरिकाज्‌ एडव्हर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स ऐक्ट’ (सीएएटीएसए-कैट्सा) के प्रतिबंध लगाने का धमकाया और इसके बाद रशिया के हो रहें इस सहयोग से इजिप्ट पीछे हटा था। इस वजह से रशिया यह विमान ईरान को प्रदान कर सकती हैं, इसपर अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसके अलावा ईरान रशिया से ‘एस-४००’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीद करेगा, यह दावा भी यह विश्‍लेषक कर रहे हैं।

रशिया और ईरान का यह कारोबार अमरीका समेत इस्रायल को चुनौती देता है। यूक्रेन युद्ध के मामले को लेकर इस्रायल और रशिया के संबंधों में तनाव निर्माण हुआ हैं। सीरिया में इस्रायल ने किए हमलों को लेकर भी रशिया लगातार चेतावनी दे रही हैं। लेकिन इसे अनदेखा करके इस्रायल सीरिया पर हवाई हमलें कर रहा हैं। ऐसी स्थिति में रशिया ने ईरान को अतिप्रगत लड़ाकू विमानों से सज्जित करना इस्रायल के लिए चुनौतीभरा साबित हो सकता है।

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