सौदी, ओपेक प्लस सदस्य देशों ने ईंधन उत्पाद कम करने का किया ऐलान – अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत १०० डॉलर्स तक उछलने की विश्लेषकों की चेतावनी

दुबई/वॉशिंग्टन – सौदी अरब और ओपेक प्लस सदस्य देशों ने रविवार को अमरीका को बड़ा जोड़दार झटका दिया। १ मई से प्रतिदिन ११ लाख, ५० हज़ार बैरल्स ईंधन उत्पाद कम करने का ऐलान सौदी और ओपेक प्लस देशों ने किया है और यहां के कच्चे तेल की कीमत ५ प्रतिशत बढ़ी है। फिलहाल ८० डॉलर्स प्रतिबैरल पर पहुंची ईंधन कीमत जल्द ही १०० डॉलर्स तक पहुंचेगी, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं। यह बात अमरीका के बायडेन प्रशासन के साथ यूरोपिय देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए घातक साबित हो सकती है। साथ ही अन्य ईंधन उत्पादक देशों के साथ ही इससे रशियन अर्थव्यवस्था को काफी बड़ा लाभ प्राप्त होगा।

ओपेक प्लसखाड़ी एवं ईंधन उत्पादक देशों पर प्रभाव रखनेवाले सौदी अरब ने रविवार को सबसे पहले ईंधन उत्पादन कम करने का ऐलान किया। सौदी के ऊर्जा मंत्रालय ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार प्रति दिन पांच लाख बैरल्स उत्पादन कम किया जाएगा। ईंधन का बाज़ार स्थिर करने के लिए यह अग्रीम कदम उठाया है, ऐसा सौदी ने कहा है। सौदी के बाद रशिया के उप प्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवैक ने भी प्रतिदिन पांच लाख बैरल्स ईंधन कटौती की जानकारी साझा की। इसके बाद इराक (२,११,०००) यूएई (१,४४,०००) कुवैत (१,२८,०००) कझाकस्तान (७८,०००), अल्जेरिया (४८,०००) और ओमान ने स्वतंत्र ४०००० बैरल्स ईंधन उत्पादन कम करने का ऐलान किया है।

१ मई, २०२३ से शुरू हो रही यह कटौती वर्ष के अन्त तक शुरू रहेगी। यह कटौती पुरी तरह से नई हैं और पिछले वर्ष अक्तुबर महीने में सौदी और अरब मित्रदेशों ने शुरू किए ईंधन कटौती का इससे संबंध ना होने का दावा संबंधित देशों के मुखपत्र कर रहे हैं। पिछले वर्ष रशिया-यूक्रेन युद्ध शुरू हो जाने के बाद यूरोपिय देशों पर ईंधन संकट टूटा था। इस मुश्किलों से बाहर निकलने के लिए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सौदी अरब और यूएई पर रशिया के विरोध में जाकर उत्पादन बढ़ाने की मांग की थी। लेकिन, सौदी और यूएई ने स्पष्ट शब्दों में बायडेन की यह मांग ठुकराई थी।

ओपेक प्लसइसके बाद अक्तुबर महीने में ईंधन उत्पादक देशों ने प्रतिदिन २० लाख बैरल्स कटौती का ऐलान किया था। अमरीका में मध्यावधि चुनाव की शुरू गड़बड़ी में ओपेक सदस्य देशों ने किए इस निर्णय से गुस्सा होकर बायडेन प्रशासन ने सौदी और यूएई की सैन्य सहायता रोकने का इशारा दिया था। इसके बाद अमरीका और अरब देशों की पेट्रोडॉलर व्यवस्था को यानी कि ईंधन खरीद डॉलर के ज़रिये करने की व्यवस्था को झटके लगने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी। लेकिन, सौदी, यूएई के इस निर्णय के लिए बायडेन प्रशासन की गैरज़िम्मेदाराना नीति ज़िम्मेदार होने की आलोचना अमरीका में विपक्षी नेताओं ने की थी। ओपेक प्लस देशों की इस नई ईंधन कटौती की वजह से अमरीका में फिर एक बार बायडेन प्रशासन की जोरदार आलोचना शुरू हुई है।

पिछले दो सालों से अधिक समय से अमरीका की बागड़ोर संभाल रहे राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने खाड़ी देशों के सहयोग में दरार बनाई हैं। बायडेन प्रशासन की वजह से ही किसी समय अमरीका के सहयोगी रहे सौदी, यूएई और अन्य अरब मित्रदेश रशिया और चीन के गुट में शामिल हुए हैं, ऐसा आरोप अमरीका के नेता और माध्यम लगा रहे हैं। फिलहाल ईंधन की कीमत ८० डॉलर्स प्रति बैरल के करीब है। लेकिन, बायडेन प्रशासन ने सौदी के ताल्लुकात पहले जैसे नहीं बनाए तो ईंधन की कीमत उछलकर १०० डॉलर्स तक जा सकती है, ऐसी चेतावनी अमरिकी समाचार चैनल और विश्लेषक दे रहे हैं।

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