इटली ने उन्नत चैटबोट ‘चैटजीपीटी’ पर रोक लगाई – यह निर्णय करने वाला बना पहला पश्चिमी देश

रोम – इटली ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्स का प्रयोग करके विकसित किए गए ‘चैटजीपीटी’ नामक उन्नत चैटबोट पर पाबंदी लगाने का निर्णय किया है। उक्त चैटबोट जानकारी की सुरक्षा और निजी अधिकारों पर आक्रमण करता है, ऐसा खुलासा इटली के ‘डाटा प्रोटेक्शन ऑथॉरिटी’ ने किया है। इसपर रोक लगाने का निर्णय करने के साथ ही यह चैटबोट विकसित करने वाली ‘ओपन एआई’ कंपनी की शीघ्र ही जांच शुरू की जाएगी, यह ऐलान इटली की सरकार ने किया है।

पिछले वर्ष नवंबर महीने में ‘ओपन एआई’ कंपनी ने ‘चैटजीपीटी’ नामक इस उन्नत चैटबोट की पेशकश की थी। विभिन्न क्षेत्र के सवालों पर इस चैटबोट ने दिए जवाब और अन्य प्रतिक्रियाओं की वजह से ‘चैटजीपीटी’ चर्चा का केंद्र बना था। मौजूदा समय दुनियाभर के विभिन्न क्षेत्र के करोड़ों लोग विभिन्न कारणों से उक्त चैटबोट का इस्तेमाल कर रहे हैं। सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की शीर्ष बहुराष्ट्रीय कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने ‘ओपन एआई’ में निवेश किया है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन ‘बिंग’ में भी इस ‘चैटजीपीटी’ का इस्तेमाल किया गया है।

लेकिन, दुनियाभर में तेज़ी से लोकप्रिय हुए ‘चैटजीपीटी’ को लेकर कई समस्याएं भी सामने आना शुरू हुआ हैं। कुछ देश और मुद्दों पर इस चैटबोट की प्रतिक्रिया पक्षपातपूर्ण एवं गलत होने की बात सामने आयी है। इसके साथ ही यह चैटबोट किसी व्यक्ति की निजी जानकारी की सुरक्षा एवं छोटे बच्चों दो संवेदनशील प्रतिक्रिया देने के लिए स्वतंत्र व्यवस्था नहीं रखता, यह मुद्दा भी उठाया गया है। इसी मुद्दे पर इटली ने ‘चैटजीपीटी’ पर रोक लगाकर ‘ओपन एआई’ की जांच शुरू की है। इटली के अलावा चीन, रशिया, ईरान और उत्तर कोरिया इन देशों ने ‘चैटजीपीटी’ पर पाबंदी लगाई है।

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