रशियन संसद में ‘वॉर इकॉनॉमी’ का प्रारंभिक मसौदा पारित

मास्को – यूक्रेन में शुरू सैनिकी अभियान के चार महीनें पूरे हो रहे हैं और इसी दौरान रशिया ने इस अभियान का दायरा बढ़ाने की तैयारी शुरू की है। रशिया की संसद ने ‘वॉर इकॉनॉमी’ से संबंधित अहम प्रावधान का समावेश का मसौदा मंगलवार को पारित किया। इस प्रस्ताव में रशियन कंपनियाँ रक्षाबलों के लिए युद्ध से संबंधित सामान की आपूर्ति करने का प्रावधान है। रशिया के उप-प्रधानमंत्री युरी बोरिसोव ने यह जानकारी साझा की। इसी कानून का इस्तेमाल करके रशिया आनेवाले समय में अतिरिक्त सैनिक भरती कर सकता है, ऐसा दावा पश्‍चिमी विश्‍लेषक कर रहे हैं।

‘वॉर इकॉनॉमी’

फ़रवरी महीने के आख़िरी दिनों में रशिया ने यूक्रेन के सैन्य अभियान की शुरूआत की थी। शुरुआती दौर में बड़ी सफलता के बाद रशिया को कुछ हद तक पीछे हटना पड़ा था। लेकिन, पिछले दो महीनों में रशिया ने डोन्बास प्रांत में बड़ी सामरिक सफलता हासिल की है और रशियन फौज़ आक्रामकता से आगे बढ़ रही है। लुहान्स्क प्रांत पर कब्ज़ा करने के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने, रक्षाबलों को इस अभियान की आक्रामकता बढ़ाने के निर्देश दिए होने की ख़बर जारी हुई थी।

‘वॉर इकॉनॉमी’

डोन्बास में रशिया अतिरिक्त फौज एवं रक्षा यंत्रणा उतारने की तैयारी में होने की बात कही गयी थी। इस पृष्ठभूमि पर रशियन संसद ने पारित किया मसौदा बड़ी अहमियत रखता है। इस मसौदे में, रशिया की सभी कंपनियों को दिये, रशियन सेना की सभी ज़रूरतें पूरी करने के निर्देशों का समावेश है। इसके लिए कंपनियों के काम का समय एवं अन्य नियमो में बदलाव सूचित किए गए हैं। रक्षाबलों को आवश्‍यक सामान एक ही कंपनी से खरीदने की छूट भी दी गई है।

पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर लगाए सख्त प्रतिबंध और रक्षा उद्योग पर बने भार को ध्यान में रखकर यह नया मसौदा पेश किया गया, ऐसा रशिया के उप-प्रधानमंत्री बोरिसोव ने कहा। रशिया के विरोध में जारी गतिविधियों के मद्देनज़र, रक्षाबलों की ज़रूरते पूरी करने के लिए नया विधेयक पारित होना अहमियत रखता है, यह भी बोरिसोव ने कहा। रशियन संसद में पारित हुआ यह मसौदा रशिया को ‘वॉर इकॉनॉमी’ बनाएगा, यह दावा विश्‍लेषकों ने किया।

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