प्रिगोझिन की मौत के बाद रशियन सैन्य अधिकारियों के अफ्रीकी देशों के दौरों में हुआ इजाफा

नियामे/न्यूयॉर्क – रशियन निजी सैन्य कंपनी ‘वैग्नर ग्रुप’ के प्रमुख प्रिगोझिन की विमान दुर्घटना में मौत होने के बाद अफ्रीका में रशिया के प्रभाव को नुकसान पहुंचने का दावा कुछ पश्चिमी माध्यमों ने किया था। अफ्रीकी देशों पर रशिया की बनी पकड़ कमज़ोर होगी, ऐसा कहा जा रहा था। लेकिन, प्र्रिगोझिन की मौत के बाद रशिया ने संबंधित अफ्रीकी देशों पर अपनी पकड़ अधिक मज़बूत की हैं। रशियन सैन्य एवं गुप्तचर यंत्रणाओं के अधिकारियों के लीबिया, माली, बुर्किना फासो और नाइजर इन अफ्रीकी देशेेोंं जारी दौरों में इजाफा होने की खबरें सामने आ रही हैं। दूसरी ओर फ्रान्स के साथ अमरीका, नाटो और संयुक्त राष्ट्र संगठन के शांति सैनिक हमारे देश से चलते बने, ऐसी मांग भी अफ्रीकी देशों में हो रही है। 

रशियन सैन्ययूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले प्रिगोझिन और उनके वैग्नर ग्रुप का अफ्रीकी देशों में काफी प्रभाव था। बुर्किना फासो, माली इन देशों में जारी आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में वैग्नर ग्रुप ने अहम भूमिका निभाई ङऐ। इसके बाद ही इन दोनों अफ्रीकी देशों ने फ्रान्स के शांति सैनिकों को निष्कासित करने की मांग जमकर उठाई थी। अफ्र्रीका के अन्य देशों पर भी इसका असर होने लगा था और वैग्नर ग्रुप की तैनाती की मांग बढ़ने लगी थी। महीने पहले प्रिगोझिन की विमान दुर्घटना में मौत होने के बाद अफ्रीका में वैग्नर ग्रुप का प्रभाव खत्म होने का दावा किया जा रहा था। 

रशियन सैन्यलेकिन, रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने वैग्नर ग्रुप के सैनिकों को रशिया से एकनिष्ठ रहने की सूचना करके इन कंपनियों की बागड़ोर अपने हाथों में लेने की बात कही जा रही है। साथ ही रशिय सेना और गुप्तचर यंत्रणा के अधिकारियों के अफ्रीका में हो रहे दौरे बढ़े हैं और रशिया के उप-रक्षा मंत्री युसूस बेक येवकुरोव और सेना की गुप्तचर यंत्रणा के वरिष्ठ अधिकारी आंद्रेई एव्हरीयानोव ने लीबिया, माली, बुर्किना फासो और नाइजर का दौरा करने की जानकारी सामने आ रही हैं। रशियन राष्ट्रध्यक्ष ने अफ्रीका में जारी वैग्नर का कारोबार येवकुरोव और एव्हरीयानोव को सौंपने की जानकारी फ्रेंच समाचार चैनल ने प्रदान की।

साथ ही कांगो के राष्ट्राध्यक्ष ने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में अपने भाषण के दौरान यह मांग उठाई कि, राष्ट्र संघ के शांति सैनिक हमारा देश छोड़ दे। राष्ट्र संघ के शांति सैनिक कांगो में जारी संघर्ष खत्म करने में विफल हुए हैं, ऐसा आरोप कांगो के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया। राष्ट्र संघ की इमारत के बाहर भी अफ्रीकी नागरिकों ने फ्रान्स, अमरीका और नाटो की सेना हमारा देश छोड़कर चली जाए, ऐसी मांग की है।

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