यूक्रेन के साथ अनाज़ संबंधित विवाद तीव्र होने के बाद पोलैण्ड ने यूक्रेन को हथियार प्रदान करना रोकने का किया ऐलान

किव/वार्सा – ‘पोलैण्ड आगे से यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा। पोलैण्ड की सरकार ने अपने रक्षा बलों को उन्नत हथियारों से लैस करना तय किया हैं। इससे पहले पोलैण्ड ने यूक्रेन के लिए काफी कुछ किया हैं और हमने ही कई मुद्दों पर सबसे पहले पहल की थी। इस वजह से यूक्रेन भी पोलैण्ड के हितसंबंधों को समझ लेगा, ऐसी उम्मीद हैं। हमें यूक्रेन के समस्याओं का अहसास हैं। लेकिन हमारे लिए पोलैण्ड के किसानों का हित सबसे अधिक अहम हैं’, ऐसे स्पष्ट शब्दों में पोलैण्ड के प्रधानमंत्री मैत्स्यूझ मोराविकी ने यूक्र्रेन को हो रही हथियारों की आपूर्ति बंद करने का ऐलान किया।

यूक्रेन के साथ अनाज़ संबंधित विवाद तीव्र होने के बाद पोलैण्ड ने यूक्रेन को हथियार प्रदान करना रोकने का किया ऐलानपिछले छह महीनों से यूक्रेन और पूर्व यूरोपिय देशों के बीच अनाज़ की आयात एवं यातायात के मुद्दे पर बड़ा विवाद हो रहा हैं। अप्रैल महीने में पोलैण्ड, बल्गेरिलया और रोमानिया के किसानों ने यूक्रेनी अनाज़ के आयात को लेकर प्रदर्शन शुरू किए थे। यूरोपिय देशों में अनाज़ के भंड़ार होने के बावजूद यूक्रेन से अनाज़ बाज़ार में लाकर यूरोपिय नेता स्थानीय किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, ऐसा आरोप इन देशों के किसानों ने लगाया था।

किसानों के प्रदर्शन तीव्रहोने के बाद इन देशों ने यूरोपिय महासंघ को खत देकर यूक्रेन के अनाज़ की आयात रोकने की बिनती की थी। महासंघ ने इसे अनदेखा करने से यूरोपिय देश आक्रामक हुए थे। इस वजह से महासंघ ने इन देशों को यूक्रेन के अनाज़ की आयात करने पर अस्थायी रोक लगाने को मंजूरी दी थी। यह रोक पिछले हफ्ते खत्म हुई हैं और इसका अवधि बढ़ाने से यूरोपिय महासंघ ने इनकार किया है।

इस वजह से पोलैण्ड और हंगरी ने आक्रामक भूमिका बरकरार रखकर एकतरफा रोक लगाने का निर्णय किया था। इसपर यूक्रेन और यूरोपिय महासंघ की तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई थी। लेकिन, इसके बावजूद पोलैण्ड और हंगरी ने अपने निर्णय से पीछे हटने से स्पष्ट इनकार किया है। पोलैण्ड में अगले महीने चुनाव हो रहे हैं और इस पृष्ठभूमि पर पोलिश मतदाताओं को निराश करना हुकूमत कर रही पार्टी के हित में नहीं होगा। इस वजह से यूक्रेन मुद्दे पर अपनी भूमिका कायम रखकर पोलैण्ड ने सीधे शस्त्र सहायता बंद करने का निर्णय किया हैं।

पोलैण्ड के इस निर्णय की गूंज पश्चिमी जगत के साथ यूक्रेन में सुनाई देने लगी हैं। यह निर्णय रशिया को लाभ पहुंचाएगा, ऐसी आलोचना करके पोलैण्ड की सरकार को लक्ष्य किया जा रहा हैं। पोलैण्ड ने यूक्रेन को अब तक तीन अरब डॉलर से भी अधिक मुल्य के हथियार प्र्रदान किए हैं। इनमें बख्तरबंद वाहन, तोप, टैंक, लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर का समावेश हैं।

रशिया ने यूक्रेन पर किए हमले के बाद यूक्र्रेन के समर्थन में यूरोपिय देश बड़ी शीघ्रता से आगे आए थे। रशिया पर प्रतिबंध लगाकर यूक्रेन को आर्थिक एवं शस्त्र सहायता देने के लिए एवं यूक्रेनी शरणार्थियों का स्वीकार करने के लिए भी यूरोपिय देशों ने पहल की थी। यूक्रेन की जारी लड़ाई यूरोप की लड़ाई हैं, ऐसे दावे भी कुछ यूरोपिय नेताओं ने किए थे। लेकिन, अब यूक्रेन को यूरोप से प्रप्त हो रहा समर्थन अब धीरे धीरे विरोध और नाराज़गी में तब्दिल होता दिख रहा हैं।

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