‘ईबोला’ पर ईलाज खोजा जाने का रशिया का दावा

राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन की घोषणा

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अफ़्रीकी देशों मे हज़ारों लोगों की जानें लेनेवाले ‘ईबोला’ व्हायरस पर ईलाज खोजा होने की जानकारी रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दी। इस व्हायरस पर दुनियाभर के सभी देशों में अनुसंधान के जारी रहते हुए रशिया ने यह दावा किया है। लेकिन इसपर पुतिन ने अधिक जानकारी नहीं दी। इसी दौरान, ‘ईबोला’ की महामारी ख़त्म हो चुकी होने की घोषणा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (डब्ल्यूएचओ) ने की है।

दो दिन पहले रशियन नेताओं की बैठक में राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह घोषणा की। ‘ ‘ईबोला’ व्हायरस पर प्रतिबंधक साबित होगा ऐसे वॅक्सिन की खोज करने में सफलता मिली है। रशियन वैज्ञानिकों ने इस संबंध में आवश्यक रहनेवाले परीक्षण किये होकर, उनमें इस वॅक्सिन की परिणामकारकता दिखायी दी है। अब तक दुनिया में इस्तेमाल की गयी दवाइयों की अपेक्षा यह वॅक्सिन अधिक असरदार है,’ ऐसा दावा पुतिन ने किया। रशियन वृत्तसंस्था ने यह जानकारी प्रकाशित की।

russia ebola vaccineराष्ट्राध्यक्ष पुतिन के द्वारा किये गए इस दावे पर अमरीका से प्रतिक्रिया आयी है। ‘ईबोला’ व्हायरस पर सर्वप्रथम वॅक्सिन खोज निकालनेवालीं और अब तक के प्रयासों में सफल साबित हुईं ‘फ्लोरिडा युनिवर्सिटी’ की प्राध्यापिका इरा लोंगिनी ने रशिया के दावे पर आशंका जतायी। रशिया ने ‘ईबोला’ पर प्राथमिक स्तर पर का वॅक्सिन खोजा होकर, अभी उनके द्वारा काफ़ी अनुसंधान किया जाना बाक़ी है, ऐसी टिप्पणी लोंगिनी ने की। साथ ही, रशियन वैज्ञानिकों के द्वारा खोजा गया वॅक्सिन किस हद तक असरदार है, ऐसा सवाल भी उन्होंने उपस्थित किया है।

गत वर्ष अमरीका स्थित दवाईउत्पादक कंपनी ‘मर्क’ की सहायता से लोंगिनी ने ‘ईबोला’ पर अनुसंधान किया था। ‘डब्ल्यूएचओ’ की अध्यक्षता में हुए इस अनुसंधान में अन्य भी वैज्ञानिक, डॉक्टर्स तथा आंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हुए थे। इस व्हायरस पर हालाँकि आंतर्राष्ट्रीय मार्केट में दवाइयाँ एवं वॅक्सिन्स उपलब्ध हैं, मग़र फिर भी ‘ईबोला’ पर अभी तक ‘अक्सीर इलाज’ साबित हुए वॅक्सिन का निर्माण नहीं हुआ है। ‘डब्ल्यूएचओ’ ने भी ‘ईबोला’ पर फ़ौरन वॅक्सिन खोज निकालने की सूचना दी थी।

लेकिन गुरुवार को ‘डब्ल्यूएचओ’ ने अधिकृत रूप में यह ‘संक्रामक बीमारी’ पूरी तरह नष्ट हो चुकी होने की घोषणा की। लायबेरिया इस अफ़्रीकी देश में ‘ईबोला’ का एक भी मरीज़ नहीं है, यह स्पष्ट हो जाने के बाद ‘डब्ल्यूएचओ’ ने यह घोषणा की। रशिया ने ‘ईबोला’ पर वॅक्सिन खोजा होने का दावा करने के बाद ‘डब्ल्यूएचओ’ ने यह घोषणा की है।

साल भर पहले अफ़्रीकी देशों में इस व्हायरस का पहली बार उद्रेक हुआ था। इसमें ११,३०० से भी अधिक लोगों की जानें जा चुकी थीं। अफ़्रीका का लायबेरिया यह देश इस संक्रामक महामारी का केंद्र साबित हुआ था। सिएरा लिओन, गिनीया इन देशों में ‘ईबोला’ का बड़े पैमाने पर उद्रेक हुआ था। तक़रीबन २८,६०० लोग इस विषाणु के संपर्क में आये थे। गत कुछ महीनों में अफ़्रीकी देशों में ‘ईबोला’ व्हायरस का संक्रमण हो चुके मरीज़ों की संख्या कम हुई है।

‘ईबोला’ के व्हायरस छः महीनों में पुनः प्रबल हो सकते हैं। इस कारण इस वर्ष पुनः एक बार अफ़्रीकी एवं सहकर्मी देशों में ‘ईबोला’ कुहराम मचायेगा, ऐसा दावा किया जा रहा है। ऐसे में, रशिया के इस वॅक्सिन की ओर बड़ी उम्मीद के साथ देखा जा रहा है।

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