नाटो के बाल्टिक स्थित अड्डों को निशाना बनाने के लिए रशिया ‘एस-४००’ की तैनाती करे

मॉस्को, दि. २४ (वृत्तसंस्था) – नाटो द्वारा रशियन सरहद के पास चार हज़ार जवानों की तैनाती की जाने के संकेत मिलने के बाद रशिया ने सख़्त प्रतिक्रिया दी है| लगभग  रशिया के रक्षामंत्रालय द्वारा इसकी पुष्टि की गयी है|

s-400_kommersantपिछले हफ्ते नाटो सदस्य देशों के सेनाप्रमुखों की विशेष बैठक क्रोएशिआ में संपन्न हुई| इस बैठक में युरोपीय कमांड के प्रमुख रहनेवाले जनरल पेट्र पॅव्हेल ने, रशियन सीमा के नज़दीक चार हज़ार सैनिकों की तैनाती की जाने की जानकारी दी थी| रशियन सरहद के पास होनेवाले देशों में चार बॅटलग्रुप्स भेजे जायेंगे, ऐसे पॅव्हेल ने कहा था|

जनरल पेट्र पॅव्हेल ने बताया कि ‘सन २०१७ के पहले छः महिनों में, बाल्टिक के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग वक्त पर बॅटल ग्रुप्स भेजे जायेंगे| ये बॅटल ग्रुप्स सिर्फ अभ्यास के लिए भेजी गयी टुकडियाँ नहीं होंगी | यह सेना दुश्मन को रोकने की और आवश्यकता पडने पर संघर्ष में शामिल होने के कारवाई के लिए तैय्यार रहेगी| उनके लिए अलग नियम होंगे| इन बॅटल ग्रुप्स में अमरीका, ब्रिटन, कॅनडा, जर्मनी, फ्रान्स द्वारा भेजे गये जवान शामिल होंगे|’

नाटो के इस ऐलान का ‘जैसे का तैसा’ जवाब देने की तैयारी रशिया द्वारा शुरु की गयी है| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, प्रगत और आधुनिक प्रक्षेपास्त्रप्रणाली ‘एस-४००’ सेंट पीटर्सबर्ग शहर के नज़दीक तैनात करने के आदेश दिये हैं| ‘एस-४००’ की तैनाती के बाद रशियन सरहद के नज़दीक रहनेवाले युरोपीय देशों में स्थित, नाटो की तैनाती को निशाना बनाना काफ़ी आसान हो सकता है|

‘एस-४००’ में करीब २५० मील की दूरी पर और ९० हजार फीट की ऊँचाई पर होनेवाले लडाकू विमानों को निशाना बनाने की क्षमता है| इस समय दुनिया में अस्तित्त्व में होनेवाली प्रक्षेपास्त्रप्रणाली में सबसे प्रगत प्रणालियों में ‘एस-४००’ का नाम लिया जाता है| सीरिया में शुरू जंग में भी रशिया द्वारा यह प्रणाली तैनात की गयी है| इस प्रणाली की तैनाती ही जंग की बाज़ी पलटने में मददगार साबित हुई, ऐसा कहा जाता है|

सेंट पीटर्सबर्ग की तैनाती की वजह से, बाल्टिक देशों में स्थित नाटो की तैनाती को खुलेआम चुनौती मिलती नज़र आ रही है| रशिया ने इस तैनाती के लिए दो ‘एस-४००’ प्रक्षेपास्त्र प्रणालियों का अभ्यास शुरू किया है| अगले कुछ दिनों में वह तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार होंगी, ऐसी जानकारी रशिया के रक्षाविभाग ने दी है| इस वर्ष के अंत तक रशिया के अलग अलग हिस्सों में लगभग १६ ‘एस-४००’ प्रणालियाँ तैनात होंगी, ऐसे संकेत रशियन अधिकारियों ने दिये हैं|

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