नाटो रशिया के खिलाफ़ जंग भड़का रहा है

रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मिखाईल गोर्बाचेव्ह का आरोप

Mikhail-Gorbachev-जंगमॉस्को/वॉर्सा, दि. १० (वृत्तसंस्था) – ‘रशिया के खिलाफ शीतयुद्ध ना खेलते हुए, सीधे आमनेसामने होनेवाली आक्रामक जंग में उतरने की तैयारी नाटो द्वारा शुरु की गयी है| वॉर्सा में की गयी घोषणा में रशिया के खिलाफ जंग छेडने की इच्छा साफ़ साफ़ दिखायी देती है। नाटो बचाव के मसले पें सिर्फ बोलता है, लेकिन उसकी सारी तैयारी आक्रामक संघर्ष के लिए ही है’, ऐसा सनसनीखेज आरोप सोविएत संघराज्य के भूतपूर्व राष्ट्रपति मिखाईल गोर्बाचेव ने किया| गोर्बाचेव ये रशिया के, खुले विचारों का पुरस्कार करनेवाले तथा पश्‍चिमी देशों के बारे में नर्म दृष्टिकोन रखनेवाले नेता माने जाते हैं| इसलिए उनके द्वारा नाटो के खिलाफ़ कडा रुख़ अपनाया जाना, यह खलबली मचानेवाला साबित हो रहा है|

वॉर्सा में हुई परिषद में नाटो द्वारा, पूर्व युरोप में चार हज़ार जवानों की तैनाती का ऐलान किया गया था| यह तैनाती पोलंड, इस्टोनिया, लाट्विया तथा लिथुआनिया में होनेवाली है| इस तैनाती के लिए अमरीका, ब्रिटन, कॅनडा और जर्मनी अपनी अपनी सेना के पथक भेजनेवाले हैं| शीतयुद्ध के बाद पहली ही बार, पश्‍चिमी देशों द्वारा रशियन सरहद के नज़दीक इतनी बड़ी सेना तैनात करने फैसला किया गया है| इस तैनाती के अलावा, बाल्टिक सागरी क्षेत्र में हवाई सुरक्षा के लिए फिनलंड को सहयोग देने की तथा युक्रेन को पूरी तरह सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा भी नाटो द्वारा की गयी है|

नाटो के इस फैसले की रशिया द्वारा कड़ी आलोचना की गयी है| रशिया के विदेश मंत्रालय ने, वॉर्सा में हुए फैसले के बारे में नाटो से स्पष्टीकरण की माँग की है| रशिया द्वारा आशा जतायी गयी है कि इस हफ़्ते नाटो और रशिया के बीच होनेवाली बैठक में, पूर्व युरोप की तैनाती पर नाटो पूरी तरह जानकारी देगा| रशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किये गए निवेदन में यह बात स्पष्ट की गयी है| वहीं, दूसरी ओर नाटो की बैठक से पहले ही रशिया द्वारा ‘कॅलिनिनग्रैड’ तथा ‘वेस्टर्न मिलिटरी डिस्ट्रिक्ट’ में सेना की भारी तैनाती शुरू हो चुकी है|

NATO_yournewswireगोर्बाचेव द्वारा नाटो पर हुए आरोप, रशिया द्वारा की गयी कड़ी आलोचना का हिस्सा है| सोविएत रशिया के आख़िरी राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर गोर्बाचेव ने, युरोप से रशियन सेना पीछे लेने का तथा पश्‍चिमी देशों के साथ तनाव कम करने का फ़ैसला किया था| पिछले कुछ सालों से चल रही युक्रेन की जंग के दौरान उन्होंने रशिया तथा नाटो को, परस्पर सहयोग का दृष्टिकोण अपनाने का मशवरा भी दिया था। इसके चलते, गोर्बाचेव द्वारा किये गए सनसनीख़ेज आरोप ग़ौरतलब साबित हुए हैं।

इसी दौरान, नाटो द्वारा, रशिया ने किये हुए आरोपों तथा आलोचना का खंडन किया गया है| नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग द्वारा दावा किया गया कि उन्हें नया शीतयुद्ध, शस्त्रदौड़ तथा संघर्ष नहीं चाहिए| रशिया द्वारा सैनिक़ी स्तर पर किये गये आक्रामक फ़ैसले और गतिविधियों की वजह से युरोपीय देशों तथा युक्रेन को ख़तरा पैदा हो गया है| इस ख़तरे का सामना करने के लिए नाटो द्वारा सेना की तैनाती का फैसला लिया गया| नाटो पूरी तरह एक नयी स्थिति का सामना कर रही है और इससे पहले कि कोई दख़लअंदाज़ी करें, सुचारु रूप से सावधानी बरतना अच्छी बात है, इन शब्दों में नाटोप्रमुख ने रशिया द्वारा पैदा हुए ख़तरे को फिर से उजागर करने की कोशिश की|

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