लंडन में चिनी दूतावास के सामने बलुच गुटों द्वारा प्रदर्शन

लंडन, दि.२९ (वृत्तसंस्था) – जर्मनी के लिपझिग् शहर में बलुची जनता ने पाक़िस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए, बलुचिस्तान में हो रहे अत्याचार की तरफ आंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ग़ौर फ़रमाया था|

Balochistan-activists- बलुच समर्थकों द्वारा प्रदर्शनइस घटना को कुछ घंटे बीते नहीं, तो लंडन में चिनी दूतावास के सामने बलुची समर्थकों ने तीव्र निदर्शन शुरू किये हैं| इसमें, पाक़िस्तान से ‘सिंधु देश’ अलग करने की माँग करनेवालें भी शामिल हुए थे|

पाकिस्तान और चीन इन दोनो देशों में विकसित हो रहे ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ प्रकल्प (‘सीपीईसी’ प्रकल्प) के खिलाफ़ बलुच समर्थकों ने जमकर नारेबा़ज़ी की| वहीं, कुछ समर्थकों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटोग्राफ्स प्रदर्शित किए| साथ ही, भारत के समर्थन में नारेबा़ज़ी भी की| इसके आगे, प्रधानमंत्री मोदी ने बलुचिस्तान का मुद्दा आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना चाहिए, ऐसा आवाहन ये समर्थक कर रहे थे|

बलुच जनता की अनुमति के बगैर पाकिस्तान और चीन कुछ नहीं कर सकते, ऐसी चेतावनी इन समर्थकों ने दी है| साथ ही, इस ‘सीपीईसी’ प्रकल्प का हम किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे, ऐसा बलुच नेता मुर्दिन मेंगल ने कहा है|

इसी दौरान, इन प्रदर्शनों में ‘सिंधु देश’ की माँग करनेवाले भी शामिल थे, यह महत्त्वपूर्ण बात है| पिछले कुछ सालों से सिंध प्रांत में भारी मात्रा में असंतोष मचा हुआ है| यह प्रांत पाकिस्तान से अलग होने की कगार पर है, ऐसा ड़र कुछ विशेषज्ञ जता रहे है|

इसमें, सिंध प्रांत के प्रमुख शहर कराची में हुईं हिंसक घटनाओं से इस जगह पर अर्धसैनिककर्मियों को तैनात किया गया था| एक ही समय बलुचिस्तान और सिंध प्रांत में चल रहें इन आंदोलनों से पाकिस्तान के अस्तित्व को झटका लगा है, ऐसा दिखायी दे रहा है|

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