कश्मीर मसले पर पाकिस्तान आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अकेला

न्यूयॉर्क, दि. २४ (पीटीआय) – संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में पाकिस्तान के अलावा अन्य किसी भी देश ने, कश्मीर मसले का जिक्र नहीं किया| इस वजह से कश्मीर मसला आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने के पाकिस्तान के प्रयास विफल हुए हैं, ऐसा दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ स्थित भारत के राजदूत सईद अकबरुद्दीन ने किया | साथ ही, उरी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनायी ठोस भूमिका को भी सभी देशों का समर्थन होने की बात अकबरुद्दीन ने स्पष्ट की| इससे पाकिस्तान आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अकेला पड़ गया है, ऐसा अकबरुद्दीन ने कहा है|

कश्मीरपिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर मसला उपस्थित करने के की जानतोड़ कोशिश कर रहा है| संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में भी,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर मसले का जिक्र करके भारत के उपर दबाव बढ़ाने की कोशिश की थी| लेकिन इन कोशिशों को सफलता नहीं मिली| ‘आमसभा में १३१ देशों में से १३० देशों ने कश्मीर मसले का ज़िक्र तक नहीं किया, यह बात और क्या बयान करती है’ ऐसा सवाल अकबरुद्दीन ने पूछा है|

साथ ही, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लिये ठोस भूमिका को कई देशों ने समर्थन दिया है, ऐसा अकबरुद्दीन ने कहा| भारत के आतंकवादविरोधी भूमिका का समर्थन देनेवाले देशों की संख्या लगभग ९० प्रतिशत इतनी थी| इसका मतलब, पाकिस्तान आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अकेला पड़ गया, ऐसा होता है, ऐसा अकबरुद्दीन ने कहा|

इसी दौरान, शनिवार को ‘पाकिस्तान के क़ब्जेवाले कश्मीर’ (पीओके) इलाके की जनता की आवाज संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार परिषद में गुँजी| ‘पीओके’ के प्रतिनिधियों ने अपने भूभाग में से होकर जानेवाला ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ प्रकल्प (सीपीईसी) अवैध बताया है| ‘पीओके’ यह पाकिस्तान का भूभाग नहीं, यह वादग्रस्त भूभाग है| ऐसे भूभाग में बननेवाला ‘सीपीईसी’ प्रकल्प संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों के अनुसार अवैध साबित होता है, ऐसा ‘पीओके’ के प्रतिनिधि सँजी हस्नान ने कहा|

‘यह प्रकल्प यानी अन्य कुअ न होकर, ज़ोर-ज़बरदस्ती से दूसरों का भूभाग छिनना है’ ऐसा कहकर हस्नान ने इस प्रकल्प को कड़ा विरोध जताया| साथ ही, ‘सीपीईसी’ प्रकल्प में तक़रीबन १५ हज़ार चिनी कामगार काम कर रहे हैं और पाकिस्तानी कामगारों की संख्या है सिर्फ़ १०। अर्थात् स्थानिकों का रोज़गार छीना जा रहा है| साथ ही, इस इलाके में जनसंख्यिकी बदल करते हुए इस भूभाग का चेहरा बदलने की कोशिश हो रही है, ऐसी टिप्पणी हस्नान ने की|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानवाधिकार परिषद के सामने हस्नान ने किया हुआ यह दावा पाकिस्तान की अवस्था और मुश्किल करनेवाला है| कश्मीर का मसला उपस्थित करके भारत को घेरने की कोशिश करनेवाले पाकिस्तान पर अब, ‘पीओके’ की जनता संगीन आरोप करने लगी है| आनेवाले समय में यह बात पाकिस्तान को बहुत महँगी पड़ सकती है, ऐसे संकेत इससे मिल रहे हैं|

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