ब्रिटेन के लष्करी विस्तार को रशिया डटकर प्रत्युत्तर देगा – रशिया के विदेश मंत्रालय का इशारा

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मास्को/लंडन – ‘ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने लष्करी विस्तार के संबंधी की घोषणा गडबडी और डर का माहौल निर्माण कर रही है| इस नीति के अंतर्गत रशिया और हमारे सहयोगी देशों की सुरक्षा के लिए झटका देने के लिए कदम बढाए गए तो रशिया उसे कडा प्रत्युत्तर देगी, यह ब्रिटेन ध्यान में रखे’, ऐसी कडी चेतावनी रशिया के विदेश मंत्रालय ने दी है| ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गेविन विल्यमसन इन्होंने पिछले वर्ष एक मुलाकात के दौरान ब्रिटीश रक्षा दलों के विस्तार के संकेत दिए थे|

पिछले कुछ वर्षों से रशिया और ब्रिटेन कें संबंध अधिक से अधिक तनाव से भर रहे है| ब्रिटेन में रशिया के पूर्व गुप्तचर पर हुए हमले के बाद ब्रिटेन ने रशिया के विरोध में अधिक आक्रामक भूमिका अपनाई थी| इस में रशिया पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही राजनीतिक संबंध कम करने के अलावा ब्रिटेन में रशियन हितसंबंधों पर कार्रवाई करने जैसी बातों का समावेश है| रशिया ने भी ब्रिटेन के विरोध में जैसे को तैसा प्रत्युत्तर देने की भूमिका अपनाने से दोनों देशों के संबंध काफी मात्रा में बिगडें है|

रशियन विदेश मंत्रालय से प्राप्त हुई नई प्रतिक्रिया इसी का हिस्सा दिखाई दे रहा है| विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिआ झाखारोवा इन्होंने ब्रिटेन के लष्करी विस्तार पर कडी आलोचना करके, ऐसी गतिविधियां अस्थिरता निर्माण करनेवाली और उकसाती है, यह भी सुनाया है| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लष्करी और राजनीतिक तनाव बढ रहा है, ऐसे में एक जिम्मेदार देश से इस प्रकार के विधान प्राप्त होना प्रतिकूल साबित होता है, यह इशारा भी रशियन प्रवक्ता ने दिया है|

ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गेविन विल्यमसन इन्होंने पिछले वर्ष के आखरी दौर में ब्रिटीश वृत्तपत्र को दी हुई मुलाकात में सुरक्षा विस्तारने के इरादे घोषित किए थे| इसमें उन्होंने ‘ब्रेक्जिट’ का जिक्र करके यह घटना दुसरे विश्‍व युद्ध के बाद ब्रिटेन के लिए सबसे बढा अवसर है, यह दावा भी किया| ‘ब्रेक्जिट’ के बाद ब्रिटेन को जागतिक स्तर पर अपनी भूमिका नए से रखने का अवसर प्राप्त होगा| इस दौरान रक्षा दलों का योगदान काफी अहम रहेगा, यह विल्यमसन इन्होंने कहा था|

यह कहते हुए ब्रिटेन आगे कैरिबिअन द्विपों के साथ आग्नेय एशियाई देशों में रक्षा दलों का विस्तार करेगा, यह संकेत रक्षा मंत्री ने दिए थे| रक्षा मंत्री का यह विधान यानी ब्रिटेन के रक्षा नीति में अहम और क्रांतीकारी बदलाव माना जा रहा है| फिल हाल विश्‍वभर में ब्रिटेन के १६ सुरक्षा अड्डे है और इसमें ‘सायप्रस’, ‘कतार’, ‘जिब्राल्टर’, ‘बाहरिन’, ‘कनाडा’, ‘दिएगो गार्सिया’, ‘केनिया’, ‘बेलिझ’ और ‘सिंगापूर’ इन जैसे अड्डों का समावेश है|

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