आतंकवाद की वजह से विकास की प्रक्रिया सिकुडती है – भारत और मध्य एशियाई देशों की परिषद में भारतीय विदेश मंत्री की चेतावनी

समरकंद – ‘आतंकवाद की समस्या से त्रस्त देशों में उद्योग-व्यापार की बरकत नही हो सकती| ऐसे देशों में निवेश नही होता| इस वजह से आर्थिक विकास के लिए आतंकवाद के समस्या को परास्त करना जरूरी बनता है, यह कहकर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन्होंने आतंकवाद विकास के आडे आ रहा है, यह स्पष्ट किया| भारत और मध्य एशियाई देशों की परिषद में बोलते समय विदेश मंत्री स्वराज इन्होंने आतंकवाद पर कडे शब्दों में प्रहार किया और यह आतंकवादी कहा से आते है, उन्हें पैसों की आपुर्ति कौन करता है, यह विचार सभीयों ने करना जरूरी है, यह चेतावनी भी उन्होंने दी| स्वराज इन्होंने रखी भारत की नीति पर मध्य एशियाई देशों ने प्रतिक्रिया देते समय आतंकवाद की कडे शब्दों में निंदा की है|

उजबेकिस्तान के समरकंद शहर में शुरू इस परिषद में सीधे नाम लिए बिना भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की आतंकी नीति की पोल खोल कर रख दी| समरकंद में भारत और मध्य एशियाई देशों की इस परिषद में उजबेकिस्तान, ताजिकस्तान, करगिजस्तान, तुर्कमेनिस्तान और कजाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भी शामिल हुए थे| इस परिषद का उद्देश्य आर्थिक और व्यापारी सहयोग बढाने का था, फिर भी विकास और सहयोग के आडे पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद आ रहा है, यह बात भी भारतीय विदेश मंत्री रखी|

अंतरराष्ट्रीय मंच से भारत लगातार पाकिस्तान की आतंकी नीति पर डटकर आलोचना कर रहा है| इस समस्या की ओर पूरे विश्‍व का ध्यान आकर्षित करते समय भारतीय नेता पाकिस्तान का नाम लेने से बचते हुए इस देश का महत्व बढेगा नही, यह ध्यान भी रख रहे है| भारत और मध्य एशियाई देशों की इस पहली बैठक में बोलते समय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन्होंने भी यह खबरदारी बरती| लेकिन, आतंकवाद पर उन्होंने तीखे शब्दों में प्रहार किया और यह समस्या देशों के विकास के आडे आ रही है, यह चेतावनी भी दी है| जो देश आतंकवाद की समस्या से त्रस्त है, उस देश का आर्थिक विकास नही होती| ऐसे देशों में निवेश भी नही होता, इस ओर ध्यान आकर्षित करके स्वराज इन्होंने आतंकवाद के गंभीर परिणाम स्पष्ट किए|

भारत और मध्य एशियाई देशों के साथ अफगानिस्तान को आतंकवाद का बडा खतरा बना है| इसी लिए यह आतंकी कहा से आते है, उन्हें पैसे की आपुर्ति कौन करता है, इस पर सभी ने विचार करने का यही अवसर है, यह स्वराज ने कहा| साथ ही भारत, मध्य एशियाई देश और अफगानिस्तान का समाज पहले से ही सर्वसमावेशक है| अपने इस समाज में विद्वेश और चरमपंथी विचारधारा को स्थान ना मिले| लेकिन आतंकी इसी विद्वेश की विचारधारा का पुरस्कार करके उसका प्रसार कर रहे है, इस ओर भी स्वराज इन्होंने ध्यान आकर्षित किया|

आतंकवाद की वजह से त्रस्त हुए अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत कटिबद्ध है, यह गवाही भी विदेश मंत्री स्वराज इन्होंने दी| अफगानिस्तान के शांति प्रक्रिया के लिए भारत पूरी तरह समर्थन करेगा|

लेकिन यह शांति प्रक्रिया अफगानीयों के नेतृत्व में, अफगानीयों के पहल से ही और उन्ही के नियंत्रण में रहे, यह आशा भारत की विदेश मंत्री ने व्यक्त की| अलग शब्दों में अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान जैसे आतंकवाद के समर्थक देश का हस्तक्षेप ना रहे, यह सुझाव विदेश मंत्री स्वराज रख रही है|

इस दौरान, भारत ने आतंकवाद के विरोध में अपनाई कडी नीति को मध्य एशियाई देशों के साथ अफगानिस्तान ने भी पूरा समर्थन दिया है| इसी की छबी इस परिषद में जारी किए संयुक्त निवेदन में दिखाई दी है| सभी प्रकार के आतंकवाद की कडे शब्दों में निंदा करते है, यह इस परिषद ने अपने संयुक्त निवेदन में दर्ज किया है| साथ ही आतंकवाद के विरोध में सहयोग बढाने की जरूरत स्वीकार करके इसके लिए आवश्यक कोशिश करने की बात भी भारत, मध्य एशियाई देश और अफगानिस्तान ने स्वीकारी है|

साथ ही इस परिषद में विदेश मंत्री स्वराज इन्होंने भारत और मध्य एशियाई देशों के लिए स्वतंत्र ‘डेव्हलपमेंट ग्रूप’ का गठन करने का प्रस्ताव रखा| भारत, ईरान और अफगानिस्तान के सहयोग की वजह से ही ईरान का छाबहार बंदरगाह विकसित हो सका और इससे तिनों देशों में व्यापार को गति प्राप्त होगी, यह दाखिला इस दौरान स्वराज इन्होंने दिया| साथ ही इस बंदरगाह का भारत और मध्य एशियाई देशों के व्यापार को भी बडा लाभ होगा, इस ओर स्वराज इन्होंने ध्यान आकर्षित किया|

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