रशिया एवं आतंकवादी संगठनों के सायबर हमलों का मुकाबला करने के लिए ब्रिटन ऑफेंसिव सायबर फोर्स तैयार करेगा

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लंदन – रशिया के साथ आतंकवादी संगठनों से होनेवाले बढ़ते सायबर हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए ब्रिटेन ने ऑफेंसिव सायबर कोर्स की तैयारी शुरू की है। ब्रिटेन के रक्षा विभाग एवं गुप्तचर यंत्रणा ‘जीसीएचक्यू’ इसके लिए साथ आए हैं। जिसमें लगभग २००० लोगों का समावेश किया गया है, ऐसा कहा जा रहा है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गेविन विलियमसन ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान इस संदर्भ में वृत्त का समर्थन किया है।

कुछ महीनों पहले ब्रिटेन में रहनेवाले भूतपूर्व रशियन जासूस सर्जेई स्क्रिपल इनके हत्या का प्रयत्न हुआ था। इसके पीछे रशिया होने का आरोप करके ब्रिटेन ने रशिया पर आक्रामक प्रतिबंधों की घोषणा की थी। उसके बाद अमरिका ने सिरिया में किए हमलो को भी ब्रिटेन ने सहयोग किया था। ब्रिटेन के इन गतिविधियों का प्रत्युत्तर के तौर पर रशिया ब्रिटेन पर बड़ा एवं आक्रामक सायबर हमला करेगा ऐसी गंभीर चेतावनी तत्कालीन विदेशमंत्री बोरिस जॉनसन तथा भूतपूर्व नौदल प्रमुख एडमिरल लॉर्ड वेस्ट एवं तज्ञोने दी थी।

रशिया के संभाव्य हमलो का मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ब्रिटिश यंत्रणा को आक्रामक सायबर हमलो के लिए तैयार रहने के आदेश दिए थे। ब्रिटेन के नेतृत्व से इस बारे में लगातार चेतावनी जा रही है और रक्षा मंत्री विलियमसन एवं गुप्तचर यंत्रणा से नए दल के बारे में दिए जानकारी ध्यान केंद्रित करने वाली ठहरी है।

नए दल के लिए २५ करोड़ पौंड से अधिक निधि दिया जाने वाला है और लगभग २००० से अधिक अधिकारी एवं कर्मचारियों का इसमें समावेश होने वाला है। इस के साथ ही गुप्तचर यंत्रणा जीसीएचक्यू एवं रक्षा दल के अधिकारी तथा निजी क्षेत्र के तज्ञ भी इस दल का भाग होने वाले है। इस दल पर प्रमुख तौर पर सायबर हमलों की जिम्मेदारी होगी, ऐसा कहा जा रहा है। इस दल के व्यतिरिक्त ब्रिटेन में ‘कैडेट्स सायबर फर्स्ट’ नामक स्वतंत्र कार्यक्रम बनाया गया है और इसके अंतर्गत आने वाले ६ वर्षों में लगभग ६०००० विद्यार्थी एवं युवकों को सायबर सुरक्षा के लिए तैयार किया जाने वाला है। सायबर क्षेत्र के लिए इस रूप से विद्यार्थी एवं युवकों की सहायता ले रहा ब्रिटन नाटो में पहला सदस्य देश होने वाला है।

ब्रिटेन में पिछले कई महीनों में उद्योग क्षेत्र, शिक्षा संस्था के साथ सरकारी उपक्रमों पर होनेवाले बड़े सायबर हमलो के प्रमाण बढे हैं और पिछले वर्ष में लगभग १००० से अधिक बड़े सायबर हमले दर्ज हुए है। इसमें रशिया से हुए संदिग्ध सायबर हमलों का बहुत बड़ा हिस्सा होकर नॉट पेटया जैसे मालवेअर का भी समावेश है।

इससे पहले अमरिका ने भी सायबर हमले एवं सायबर वेपंस संदर्भ में अपनी धारणा उजागर की है और सायबर क्षेत्र भविष्य में रणभूमि हो सकती है, ऐसे स्पष्ट संकेत दिए हैं।

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