अमरिका के मिसाइल तैनात किए तो यूरोपीय देशों को रशिया निशाना बनाएगा – रशियन राष्ट्राध्यक्ष की यूरोप को चेतावनी

मॉस्को: अमरिका ने रशिया के साथ किए परमाणु बंदी अनुबंध से बाहर निकलने के निर्णय पर कायम होने की बात कहने के बाद भड़के रशिया ने यूरोपीय देशों को धमकाया है। युरोपीय देशों ने अमरिका के मिसाइल अपने देश में तैनात किए तो उसे रशिया से प्रत्युत्तर मिलेगा, रशिया का यह प्रत्युत्तर बहुत ही गतिमान और परिणामकारक होगा’, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दी है। उसीके साथ ही अपनी सुरक्षा की चिंता है, तो यूरोपीय देश अमरिका से दूर रहे, ऐसा पुतिन ने कहा है।

अमरिका, मिसाइल, तैनात, यूरोपीय देशों, रशिया, निशाना बनाएगा, रशियन राष्ट्राध्यक्ष, यूरोप, चेतावनीअमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने रशिया के साथ किए ‘इंटरमिडियट-रेंज न्यूक्लिअर फोर्सेस ट्रीटी’ (आईएनएफ) अनुबंध को तोड़ने की घोषणा की है। यह अनुबंध कालबाह्य है ऐसा कहकर अमरिका के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपने रशिया के दौरे में इस बारे में कोई भी समझौता संभव नहीं है, ऐसा स्पष्ट किया है। रशिया और अन्य देश परमाणु शस्त्र से सज्जित हो रहे हैं, ऐसे में अमरिका पीछे नहीं रह सकता, ऐसी घोषणा करके अमरिका ने परमाणु निर्माण और उसकी तैनाती के स्पष्ट संकेत दिए थे।

अमरिका के इस निर्णय पर पुतिन ने क्रोध व्यक्त किया है। ट्रम्प का निर्णय अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है, ऐसा आरोप पुतिन ने लगाया है। इस अनुबंध को तोड़ने के बाद यूरोपीय देशों की सुरक्षा खतरे में आ सकती है। और अपने यूरोपीय मित्र देशों की सुरक्षा के लिए अमरिका यहाँ पर मिसाइल्स तैनात कर सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है। लेकिन यूरोपीय देशों में अमरिका के मिसाइल तैनात हुए हैं, ऐसा दिखा तो रशिया की तरफ से इस तैनाती को तुरंत प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसा पुतिन ने घोषित किया है।

‘अमरिका ने यूरोपीय देशों में मिसाइल्स तैनात किए तो स्वाभाविक रूपसे रशिया की तरफ से उसे प्रत्युत्तर मिलेगा। अमरिका के मिसाइल तैनाती से सहमत यूरोपीय देशों को रशिया के प्रत्युत्तर का मुकाबला करना पड़ेगा’, ऐसी पुतिन ने धमकी दी है। उसीके साथ ही अमरिका के मिसाइलों के लिए यूरोपीय देश खुद की सुरक्षा को खतरे में न डालें, ऐसी सलाह पुतिन ने दी है।

दौरान, यूरोप के फ़्रांस और जर्मनी ने ट्रम्प के ‘आईएनएफ’ से बाहर निकलने के निर्णय की इसके पहले ही आलोचना की थी। लेकीन ब्रिटन ने अमरिका के इस निर्णय का जोरदार समर्थन किया था।

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