रशिया के यूरेशियन इकनोमिक झोन में ईरान का प्रवेश; ईरान के ईईयू करार पर हस्ताक्षर

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अस्ताना – अमरिका ने ईरान के साथ परमाणु करार से बाहर निकलने का निर्णय लेने के बाद ईरान ने रशिया से सहयोग अधिक दृढ़ करने का निर्णय लिया है। गुरुवार को ईरान ने रशिया पुरस्कृत यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त आर्थिक क्षेत्र में शामिल होने के लिए महत्वपूर्ण करार पर हस्ताक्षर किए हैं। आनेवाले समय में अमरिका से ईरान पर कठोर प्रतिबंध जारी किए जाएंगे और इस पृष्ठभूमि पर रशिया के साथ सहयोग अधिक मजबूत होंगे, ऐसी गवाही ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी।

ईरान के वरिष्ठ अधिकारी एवं यूरेशियन इकनोमिक कमीशन के बोर्ड के प्रमुख तिग्रान सर्गस्यान इन की अस्थाना में हुई बैठक में यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन के मुख्य आर्थिक क्षेत्र के बारे में करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह करार ३ वर्षों के लिए है और इस दौरान ईरान के साथ चर्चा पुरी करके इरान को यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन के मुख्य आर्थिक क्षेत्र में हमेशा के लिए शामिल किया जाने वाला है।

यूरेशियन इकनोमिक झोन

करार कार्यान्वित होने पर ईरान एवं यूरोपियन इकनॉमिक यूनियन में सदस्य देशों में व्यापार के करों का प्रमाण ३.५ से १९ फीसदी तक कम होंगे, ऐसी जानकारी तिग्रान ने दी है। सन २०१७ में आंकड़ों के अनुसार ईरान एवं यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन सदस्य देशों में व्यापार लगभग ३ अरब डॉलर इतना है। इस व्यापार में ईंधन, सब्जियां, फल, मांस, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एवं भवन निर्माण साहित्य इनका प्रमुख तौर पर समावेश है।

सन २०१५ में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के पहल के अनुसार यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन का निर्माण किया गया था। इसमें रशिया के साथ कजाकिस्तान, बेलारूस, आर्मीनिया, किर्गिझीस्तान इनका समावेश है। सन २०१६ के आग्नेय आशिया में व्हिएतनाम ने यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन के साथ पहला मुक्त व्यापार क्षेत्र करार किया था। ऐसा करार करने वाला निरीक्षण क्षेत्र के बाहर का वह पहला देश ठहरा है।

उसके बाद रशियाने आर्थिक एवं व्यापारी क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए विभिन्न देशों से यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन के मुख्य आर्थिक क्षेत्र में शामिल होने का आमंत्रण दिया था। उसमें ईरान, चीन, भारत, इस्राइल, इजिप्त, दक्षिण कोरिया, इनके साथ दक्षिण अमरिका के कई देशों का समावेश है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रशिया के आर्थिक हितसंबंध मजबूत करने के लिए यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन का महत्वपूर्ण हिस्सा होकर ईरान के साथ करार से इस पर मुहर लगी हुई है।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ करार से बाहर निकलने के बाद ईरान विरोध में आक्रामक प्रतिबंध की घोषणा की थी। इन प्रतिबंधों की वजह से यूरोपीय देशों को ईरान के साथ व्यवहार मुक्त तौर पर कायम रखना कठिन होने वाला है। साथ ही भविष्य में यूरोपीय कंपनियों ईरान में परियोजना में निवेश न करने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर ईरान को रशिया एवं चीन की तरफ मुड़ने पर विवश हुआ है और रशिया पुरस्कृत गट के साथ करार पर किये हस्ताक्षर उसी का भाग है। अमरिका के प्रतिबंधों की वजह से ईरान के रशिया के साथ संबंध अधिक दृढ़ होंगे ऐसे संकेत ईरान के इकनोमिक अफेयर्स के कमेटी के प्रमुख मोहम्मद रेझा पौर इब्राहिमी ने दिए हैं।

चीन से ईईयू के साथ व्यापारी एवं आर्थिक सहयोगी करार

अस्ताना – ईरान के बाद चीन ने भी रशिया पुरस्कृत यूरेशियन इकनोमिक यूनियन के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। गुरुवार को हुई बैठक में चीन ने युरेशियन इकनोमिक यूनियन के साथ आर्थिक एवं व्यापारी सहयोग बढ़ाने के करार पर हस्ताक्षर किए हैं। उस समय चीन के उप वाणिज्य मंत्री फु झियिंग उपस्थित थे। इस करार में १३ प्रावधान का समावेश है, इसमें इ-कॉमर्स, कस्टम्स, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स जैसे मुद्दों का उल्लेख है। २०१९ वर्ष की शुरुआत में यह करार कार्यान्वित होगा, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी है।

अमरिका के साथ व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन ने रशिया एवं आशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है और यूरेशियन इकनोमिक यूनियन के साथ हुआ करार उसी का महत्व पूर्ण स्तर माना जा रहा है।

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