‘स्विफ्ट’ के विकल्प के तौर पर रशिया-ईरान ने शुरू की नई बैंकिंग प्रणाली

तेहरान – पश्चिमी देशों ने लगाए आर्थिक प्रतिबंधों को चकमा देने के लिए रशिया और ईरान ने अपनी ही स्वतंत्र बैंकिंग प्रणाली शुरू की हैं। अमरिकी डॉलर के कारोबार और स्विफ्ट के लिए विकल्प के तौर पर रशिया और ईरान की यह प्रणाली काम करेगी, ऐसा ऐलान ईरान ने किया। इस वजह से ७०० रशियन और १३ देशों के १०६ बैंक इस प्रणाली से जुड़ेगी। इन दोनों देशों ने पहले ही अलग मुद्रा एवं सोने को आधार बनाकर बनाई क्रिप्टोकरेन्सी का इस्तेमाल करने के संकेत दिए थे। रशिया-ईरान का यह सहयोग अमरीका और पश्चिमी मित्रदेशों को झटका साबित होगा।

‘स्विफ्ट’‘सोसायटी फॉर वर्ल्डवाईड इंटरबैंक फाइनान्शियल टेलिकम्युनिकेशन’ (एसडब्ल्यूआईएफटी) यानी ‘स्विफ्ट’ यह एक बेल्जियम स्थित सहकारी संस्था है। पूरे विश्व के बैंकों का एक दूसरे से हो रहा आर्थिक कारोबार आसान करनेवाली संस्था के तौर पर स्विफ्ट का ज़िक्र किया जाता है। दो या इससे अधिक देश एवं संगठनों के कारोबार के लिए इस्तेमाल हो रहे ‘लेटर ऑफ क्रेडिट, ट्रान्सफर या वॉरंटी’ देने के लिए स्विफ्ट का इस्तेमाल सहायक होता है। इसमें वैश्विक सदस्य भी शामिल होने की वजह से किसी भी देश का मालिकाना हक इस संस्था पर नहीं हैं। लेकिन, पिछले कुछसालों में अमरीका डॉलर के साथ स्विफ्ट का भी हथियार की भांती इस्तेमाल कर रही हैं, यह आरोप लगाए जा रहे हैं।

अमरीका ने साल २०१८ में परमाणु कार्यक्रम पर ड़टे ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। इसके साथ ही ईरान को स्विफ्ट से भी अलग किया था। इस वजह से ईरान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्विफ्ट के ज़रिये डॉलर के कारोबार करना बंद हुआ था। इसका असर ईरान की अर्थव्यवस्था पर होने लगा है। ईरान की महंगाई ५० प्रतिशत तक जा पहुंची हैं और युवा बेरोजगारों की मात्रा भी ५० प्रतिशत वृद्धि होने का दावा किया जा रहा है। ईरान की अर्थव्यवस्था को समय पर संभाला नहीं तो यह देश सबसे बड़े आर्थिक संकट से घिर सकता हैं, ऐसी चेतावनी दी जा रही है।

इसी बीच पिछले साल यूक्रेन के विरोध में युद्ध शुरू करने वाली रशिया पर भी अमरीका ने प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही ईरान की तरह रशिया को भी स्विफ्ट से बाहर किया है। इस वजह से रशियन बैंकों के डॉलर के ज़रिये कारोबार करना बंद हुआ है। ऐसी स्थिति में रशिया और ईरान की सेंट्रल बैंक ने साथ मिलकर अपनी स्वतंत्र बैंकिंग प्रणाली शुरू की हैं। दोनों देशों के बैंकों का संपर्क और कारोबार इस प्रणाली से जोड़ने का ऐलान ईरान की सेंट्रल बैंक के उप-गवर्नर मोहसेन करीमी ने किया। इस वजह से ईरान की बैंकों को आगे से रशिया के साथ कारोबार करने के लिए एवं लेटर ऑफ क्रेडिट या ट्रान्सफर के लिए स्विफ्ट का इस्तेमाल करने की ज़रूरत महसूस नहीं होगी, ऐसा करीमी ने कहा।

इस नई प्रणाली से रशिया की लगभग ७०० एवं अन्य १३ सहयोगी देशों के १०६ बैंक जुड़े हैं, यह जानकारी करीमी ने प्रदान की। लेकिन, इन बैंक एवं देशों के नाम सार्वजनिक करना करीमी ने टाल दिया। दो दिन पहले राजधानी तेहरान में रशिया और ईरान की सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस वजह से रशिया और ईरान का सहयोग अधिक मज़बूत होगा, यह विश्वास ईरानी माध्यम व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही इससे अपने देश की अर्थव्यवस्था को लाभ प्राप्त होगा, यह दावा भी ईरानी माध्यम कर रहे हैं।

इसी बीच, अमरिका के डॉलर को बाजू करने के लिए रशिया ने अन्य देशों के साथ रुबल एवं संबंधित देशों की मुद्राओं के ज़रिये कारोबार करना शुरू किया है। इसी बीच रशिया और ईरान एकत्रित होकर सोने को आधार बनाकर बनाई क्रिप्टोकरेन्सी का उपयोग करने की तैयारी में होने का दावा रशियन माध्यमों ने कुछ ही दिन पहले किया था।

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