रशिया-ईरान का सहयोग अमरीका को दहला देगा – अमरिकी अभ्यासकों की चेतावनी

वॉशिंग्टन – यूक्रेन की राजधानी किव एवं अन्य जगहों पर स्थित बुनियादी सुविधाओं पर हमले करने के लिए रशिया अब ईरान से ज्यादा ड्रोन्स प्राप्त करने की तैयारी कर रही हैं। पिछले वर्ष के अगस्त महीने से ईरान ने रशिया को करीबन ४०० ‘यूएव्ही’ प्रदान किए हैं। साथ ही रशिया की मांग करने पर अधिक ड्रोन्स प्रदान करने की तैयारी भी ईरान ने रखी है, ऐसा आरोप अमरीका के व्हाईट हाऊस के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने लगाया। इसी दौरान रशिया और ईरान का यह सहयोग अमरीका को दहला देगा, ऐसी चेतावनी अभ्यास गुट के दो अभ्यासकों ने दी है। यूरोप, यूरेशिया और खाड़ी क्षेत्र में कोहराम मचाने से पहले इन दोनों देशों को रोकने के लिए अमरीका कदम उठाएं, ऐसा इन अभ्यासकों ने कहा हैं। 

अमरीका को दहला देगायूक्रेन युद्ध शुरू होने के कुछ ही महीने बाद रशिया ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए ईरान के बनाए ड्रोन्स का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए थे। इसपर अमरीका और यूरोपिय देशों की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई थी। लेकिन, ईरान ने हम रशिया को ड्रोन्स की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं यह कहकर इन सभी आरोपों को ठुकराया था। लेकिन, अब व्हाईट हाउस के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने पिछले वर्ष के अगस्त महीने से ईरान ने अब तक रशिया को करीबन ४०० ‘यूएव्हीज्‌‍’ की आपूर्ति की हैं, ऐसा आरोप लगाया। शाहेद वर्ग के इन ‘यूएव्ही’ का इस्तेमाल रशिया ने यूक्रेन की राजधानी किव और अन्य हिस्सों में स्थित बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं पर हमले करने के लिए किया है, ऐसा किरबाय ने कहा है। साथ ही ईरान से अधिक ड्रोन्स प्राप्त करने की तैयारी में भी रशिया होने का दावा किरबाय ने किया। युद्ध के लिए हथियारों की कमी महसूस होने की स्थिति में रशिया अब ईरान से प्राप्त हो रहे इन ड्रोन्स पर काफी निर्भर होने का दावा किरबाय ने किया। 

किरबाय का यह आरोप प्रसिद्ध हो रहा था तभी हेरिटेज फाउंडेशन नामक अमरीका के शीर्ष अभ्यासगुट के अभ्यासक जेम्स फिलिप्स और पीटर ब्रूक्स ने रशिया और ईरान के इस सहयोग से सावधान रहने की चेतावनी दी है। रशिया और ईरान का सहयोग पांचसौ सालों से शुरू होने का बयान करके इसका काफी बड़ा इतिहास होने का अहसास इन दोनों अभ्यासकों ने किराया। आगे के समय में रशिया और ईरान का सहयोग यूरोप, यूरेशिया और खाड़ी क्षेत्र में कोहराम मचा सकता हैं, यह कहकर अमरीका ने इसेक विरोध में सही समय पर कदम उठाने होंगे, ऐसी मांग जेम्स फिलिप्स और पीटर ब्रूक्स ने की है। 

अमरीका को दहला देगाईरान और रशिया पर प्रतिबंध लगाकर इन देशों की क्षमता कम करने में अमरीका असफल हुई हैं। ईरान तो अमरीका के प्रतिबंधों के बावजूद अपने देश में भारी मात्रा में हमलावर ड्रोन्स का निर्माण कर रहा हैं। इसकी प्रमुख वजह दोनों देशों की ईंधन निर्यात अभी भी शुरू होना यही हैं। इन देशों को रोकने के लिए अमरीका ने अपने ईंधन तेल और ईंधन वायु एवं अन्य सामान की निर्यात शुरू करनी होगी, ऐसी सलाह जेम्स फिलिप्स और पीटर ब्रूक्स ने दी है। इससे ईंधन निर्यात पर निर्भर रशिया और ईरान को नुकसान पहुंचेगा, ऐशा दावा इन दोनों अभ्यासकों ने किया है।

यह मांग करते हुए ईरान और रशिया के सहयोग से खाड़ी क्षेत्र में हुए बदलावों पर भी इन दोनों ने ध्यान आकर्षित किया। चीन की मध्यस्थता से ईरान और सौदी के बीच राजनीतिक संबंध स्थापित हुए, इसे ईरान-रशिया सहयोग का काफी बड़ा आधार होने का विचार इन दोनों अभ्यासकों ने रखा हैं। साथ ही अस्साद की हुकूमत की सीरिया को फिर से अरब लीग की सदस्यता प्राप्त हुई हैं। इसके पीछे भी रशिया-ईरान सहयोग होने का अनुमान फिलिप्स और ब्रूक्स ने व्यक्त किया है।

यह सभी गतिविधियां अमरीका की विदेश नीति को झटका देती हैं और अधिक अनर्थ होने से बचना हैं तो अमरीका को अभी से रशिया-ईरान सहयोग के विरोध में कदम उठाने होंगे, ऐसा इन दोनों अभ्यासकों का कहना हैं। साथ ही बायडेन प्रशासन ने ईरान मुद्दे पर अपनाई भूमिका पर भी जेम्स फिलिप्स और पीटर ब्रूक्स ने कड़ी आलोचना की हैं। 

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