रशिया-ईरान-अज़रबैजान में ‘ट्रान्सपोर्ट कॉरिडोर’ के संदर्भ में सामंजस्य करार

तेहरान – रशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के समीकरण तेज़ी से बदल रहे हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। रशिया विरोधक पश्चिमी देशों की आघाडी को विभिन्न स्तरों पर मात दे रही है। इसके लिए खाडी एवं एशियाई देशों के साथ सहयोग बढाए जा रहे हैं और ‘इंटरनैशनल नॉर्थ-साऊथ ट्रान्सपोर्ट कॉरिडोर’ जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं को गति दी गई है। इस संदर्भ में सोमवार को रशिया, ईरान एवं अज़रबैजान में सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर किए गए।

दो दशक पहले रशिया समेत भारत एवं ईरान ने ‘इंटरनैशनल नॉर्थ-साऊथ ट्रान्सपोर्ट कॉरिडोर’ (आयएनएसटीसी) की योजना बनाई थी। पर भू-राजनैतिक तनाव एवं अन्य कारणों की वजह से यह योजना आगे नहीं बढ़ पाई। पर पिछले कुछ वर्षों में यह योजना आग बढ़ी है और रशिया, भारत एवं ईरान तीनों ने इसे गति प्रदान करने की कोशिशें शुरु की हैं। ईरान की राजधानी तेहरान में किया गया करार इसी का हिस्सा है।

‘आयएनएसटीसी’ का उद्देश्य है यातायात के विभिन्न मार्ग एवं सुविधाओं की सहायता से व्यापार की गति और व्याप्ति बढाना। इसमें महामार्ग, रेलवे तथा सागरी मार्गों का समावेश है। फिलहाल रशिया एवं ईरान में सड़क मार्ग द्वारा होनेवाला व्यापार अज़रबैजान के माध्यम से होता है। इस व्यापार की प्रक्रिया अधिक सुलभ बनाने के लिए सामंजय करार करने की जानकारी सूत्रों ने दी।

रशिया-युक्रेअन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देशों ने रशिया पर बडे पैमाने पर प्रतिबंध लगाए हैं। ‘आयएनएसटीसी’ समेत विभिन्न विकल्पों का इस्तेमाल करके रशिया ने इन प्रतिबंधों को मात दी है। ईरान को भी इससे बड़े लाभ हो रहे हैं और अपना महत्व बढानए के लिए ईरान ‘आयएनएसटीसी’ का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया था।

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