पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाने के बावजूद रशिया विश्व के १० शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल

मास्को – रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देश रशिया पर एक के बाद एक प्रतिबंध थोप रहे हैं। इन प्रतिबंधों की वजह से रशिया की अर्थव्यवस्था कमज़ोर होगी और इससे रशियन हुकूमत यूक्रेन पर हमले करना बंद करेगी, ऐसे दावे पश्चिमी देश कर रहे थे। लेकिव, वास्तव में पश्चिमी देशों का प्रतिबंधों का हथियार नाकाम होने की जानकारी सामने आ रही है। वर्ष २०१४ के बाद पहली बार रशिया का समावेश फिर से विश्व के शीर्ष १० अर्थव्यवस्थाओं में होने का वृत्त रशियन माध्यमों ने प्रदान किया है। 

पश्चिमी देशरशिया के ‘स्पुटनिक’ नामक वृत्तसंस्था ने ‘वर्ल्ड बैंक’ ने जारी की हुई जानकारी के अनुसार यह दावा करने की बात कही जा रही है। वर्ष २०२२ के आँकड़े सार्वजनिक किए गए हैं और रशिया को विश्व की शीर्ष १० अर्थव्यवस्थाओं की सुचि में ८ वां स्थान प्राप्त हुआ है। पिछले साल रशिया का ‘जीडीपी’ २.३ ट्रिलियन डॉलर्स दर्ज़ हुआ था, ऐसा ‘वर्ल्ड बैंक’ ने जारी की हुई जानकारी में कहा गया है। वर्ष २०१४ में रशिया को इस सुचि में ९ वां स्थान प्राप्त था और वर्ष २०११ में वही ११ वें स्थान की अर्थव्यवस्था थी, ऐसा ‘स्पुटनिक’ ने जारी किए वृत्त मे कहा है। 

पश्चिमी देशअमरीका और चीन विश्व में सबसे दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बनी हैं और साथ ही जापान, जर्मनी और भारत को भी इसमें स्थान प्राप्त हुआ है। ब्रिटेन और फ्रान्स छठवीं और सातवें स्थान के अर्थव्यवस्था है और रशिया आठव्या क्रमांक की अर्थव्यवस्था बनी है। कुछ दिन पहले ही रशिया का विदेश मुद्रा भंड़ार बढ़कर ६०० अरब डॉलर्स होने की जानकारी सामने आयी थी। 

पिछले साल फ़रवरी महीने के अन्त में यूक्रेन विरोधी युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिमी देशों ने विदेशों में स्थित रशिया का विदेश मुद्रा भंड़ार कुर्क करने का निर्णय किया था। इससे रशिया के ४० प्रतिशत से भी ज्यादा विदेश मुद्रा भंड़ार कुर्क किए गए है। इसके बाद रशिया के मुद्रा भंड़ार का भारी नुकसान हुआ और रशियन अर्थव्यवस्था टूट जाएगी, ऐसे दावे पश्चिमी अधिकारी और यंत्रणा कर रहे थे। लेकिन, वास्तव में ईंधन क्षेत्र से रशिया को काफी राजस्व प्राप्त होने की बात सामने आयी है। 

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