पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रशिया का ईंधन निर्यात तीन वर्ष के उच्चतम स्तर पर – मार्च में निर्यात प्रति दिन ८१ लाख बैरल्स तक पहुंचा

ईंधन निर्यातमास्को/पैरिस – रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद रशिया ने अपना ईंधन कारोबार जारी रखने की सफलता हासिल की है। मार्च में रशियन कच्चे तेल का निर्यात प्रति दिन ८१ लाख बैरल्स तक पहुंचने की जानकारी ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ की नई रपट में दर्ज़ है। यह पिछले तीन सालों में उच्चतम स्तर बताया गया है। साथ ही मार्च में रशिया ने ईंधन निर्यात के ज़रिये १२.७ अरब डॉलर्स प्राप्त किए हैं और फ़रवरी की तुलना में यह एक अरब डॉलर्स अधिक होने का ऐलान ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ ने किया है।

शुक्रवार को पैरिस स्थित ‘इंटरनैशल एनर्जी एजेन्सी’ ने ‘ऑईल मार्केट रिपोर्ट अप्रैल २०२३ जारी की। इसमें वर्ष २०२३ में कच्चे तेल की मांग प्रति दिन २० लाख बैरल्स होने का अनुमान जताया गया है। साथ ही ओपेक और ओपेक प्लस गुटों ने ईंधन उत्पाद घटाने से ईंधन उत्पादन ४ लाख बैरल्स से घट जाएगा, यह अनुमान भी व्यक्त किया है। कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव फिलहाल कुछ समय तक जारी रहेगा, लेकिन इसमें बड़े बदलाव नहीं होंगे, ऐसे संकेत भी ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ ने अपनी रपट में दिए हैं। 

सालाना अनुमान लगाते समय ईंधन क्षेत्र के शीर्ष देश रशिया के ईंधन क्षेत्र का स्वतंत्र ज़िक्र किया गया है। प्रतिबंधों के बावजूद मार्च में रशिया ने अपना ईंधन निर्यात तीन वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंचाया है। मार्च में रशिया द्वारा कच्चे तेल का निर्यात प्रतिदिन ८१ लाख बैरल्स तक पहुंचा। हर रोज़ हो रहे निर्यात में से छह लाख बैरल्स का इजाफा हुआ है। रोज़ाना ८१ लाख बैरल्स निर्यात करना अप्रैल २०२० के बाद का उच्चतम स्तर है। 

कच्चे तेल के साथ ही पेट्रोलियम उत्पाद का निर्यात भी बढा है। मार्च में पेट्रोलियम उत्पादन का निर्यात प्रति दिन चार लाख बैरल्स बढा और ३१ लाख बैरल्स तक पहुंचा है। कच्चे तेल का निर्यात बढ़ने से रशिया को इससे प्राप्त राजस्व की राशि भी १२.७ अरब डॉलर्स तक पहुंची है। ‘प्राईस कैप’ की वजह से उत्पन्न की रक्म पिछले वर्ष से कम होने के बावजूद फ़रवरी की तुलना में एक अरब डॉलर्स का इज़ाफा हुआ है। ‘प्राईस कैप’ का कार्यान्वयन बिगड़ रहा है, ऐसे संकेत इससे प्राप्त हो रहे हैं और अप्रैल में हुए कारोबार में कीमत की मार्यदा पार होने की बात पर ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ ने ध्यान आकर्षित किया है।

पिछले महीने रशिया के ऊर्जा मंत्री निकोलाय शुल्गिनोव ने कहा था कि, रशिया ने पश्चिमी प्रतिबंध ठुकराने में सफलता हासिल की है और अपना ईंधन निर्यात भी आसानी से जारी रखा है। ‘पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से बाधित ईंधन मित्रदेशों को निर्यात किया गया। रशिया की ईंधन बिक्री कम नहीं हुई है’, ऐसा ऊर्जा मंत्री निकोलाय शुल्गिनोव ने कहा था। चीन और भारत रशिया से काफी ईंधन खरीद रहे हैं, ऐसी खबर वर्णित रपट से प्राप्त हुई है। साथ ही ‘प्राईस कैप’ थोपने वाले जी ७ देशों में से जापान ने रशियन ईंधन की खरीदारी जारी रखने की बात देखी गई है। यह सभी पश्चिमी देशों ने रशियन ईंधन क्षेत्र पर लगाए प्रतिबंध नाकाम होने के संकेत दे रहे हैं। ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ की रपट से यह पुष्टि मिलती है कि, पश्चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंध असफल हुए हैं।

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