परमाणु मोर्चे पर रशिया ने सबको पछाड़ दिया – सिक्योरिटी कौन्सिल के सचिव निकोलाय पत्रुशेव का ऐलान

मास्को – परमाणु अस्त्रों का निर्माण शुरू होने के बाद रशिया ने पहली बार इस क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़कर बढ़त प्राप्त की है, ऐसा ऐलान सिक्योरिटी कौन्सिल के सचिव निकोलाय पत्रुशेव ने किया। मास्को के एक समारोह में पत्रुशेव ने यह जानकारी साझा की है कि, फिलहाल रशिया के बेड़े में हाइपरसोनिक परमाणु अस्त्रों के साथ काफी उन्नत प्रौद्योगिकी से बननाए परमाणु हथियार हैं। पिछले महीने ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यह ऐलान किया था कि, रशिया ने काफी प्रगत ‘ब्युरेव्हेस्टनिक’ परमाणु अस्त्र का सफल परिक्षण किया है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर रशिया ने अपने परमाणु तैयारी फिर से बढ़ना शुरू किया है। अमेरिका के साथ पश्चिमी देशों के साथ बने तनाव के बाद रशिया परमाणु अस्त्र से जुड़े दो समझौते से बाहर हुई हैं। परमाणु मोर्चे पर रशिया ने सबको पछाड़ दिया - सिक्योरिटी कौन्सिल के सचिव निकोलाय पत्रुशेव का ऐलानरशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने पिछले हफ्ते ही ‘कॉम्प्रेहेन्सिव्ह न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रिटी’ (सीटीबीटी) समझौते से बाहर होने के विधेयक पर हस्ताक्षर भी किए थे। हमारा देश फिर से परमाणु परीक्षण शुरू कर सकता हैं, ऐसे स्पष्ट संकेत भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने दिए हैं।

ऐसी स्थिति में सिक्योरिटी कौन्सिल के वरिष्ठ अधिकारी पत्रुशेव्ह ने सीधे परमाणु वर्चस्व का ऐलान करना ध्यान आकर्षित करता है। ‘परमाणु अस्त्रों के इतिहास में पहली बार हमारे देश ने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ा हैं। रशिया के बेड़े में हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ उन्नत परमाणु अस्त्र मौजूद हैं। यह परमाणु अस्त्र अगले दशकों में रशिया की सुरक्षा का ज़िम्मा संभालने के काबिल हैं’, इन शब्दों में निकोलाय पत्रुशेव्ह ने रशिया के परमाणु ताकत का अहसास कराया।

परमाणु मोर्चे पर रशिया ने सबको पछाड़ दिया - सिक्योरिटी कौन्सिल के सचिव निकोलाय पत्रुशेव का ऐलानरशिया अब विश्व में सबसे अधिक परमाणु अस्त्र रखने वाला देश बना हैं और उसके बेड़े में ५,८८९ परमाणु अस्त्र हैं। इसके बाद दूसरें स्थान पर बनी अमेरिका के बेड़े में ५,२२४ परमाणु अस्त्र हैं। तीसरें क्रमांक पर बना चीन वर्ष २०३० तक हजार परमाणु अस्त्र बना सकेगा, ऐसा दावा अभ्यासगुटों ने किया हैं।

रशिया ने पिछले महीने के अन्त में व्यापक परमाणु युद्ध अभ्यास का आयोजन किया था। इसके तहत रशिया के ‘न्युक्लियर ट्रायड’ का परीक्षण किया था। इसमें ‘यार्स’ और ‘सिनेवा’ जैसे परमाणु अस्त्रों के साथ परमाणु क्षमता के बैलेस्टिक मिसाइलों के परीक्षणों का समावेश था। इसके बाद रशिया ने रविवार के दिन फिर से अपने ‘न्युक्लियर ट्रायड’ का हिस्सा होने वाले अंतरमहाद्वीपीय परमाणु अस्त्र ‘बुलावा’ का परीक्षण करके ध्यान खींचा था।

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