अमरीका में हुए ‘सोलरविंड्स’ सायबर हमले के पीछे रशिया का ही हाथ – अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं को यक़ीन

वॉशिंग्टन – अमरिकी सरकार का भाग होनेवाले संवेदनशील ‘कॉम्प्युटर नेटवर्क्स’ पर किये सायबर हमलों के पीछे रशिया का ही हाथ होने का यक़ीन अमरीका की गुप्तचर एवं जाँच यंत्रणाओं को हुआ है। पिछले महीने में सामने आये इस सायबर हमले में अमरीका के ‘न्यूक्लिअर वेपन्स नेटवर्क’ समेत वित्त, ऊर्जा और व्यापार विभाग की कॉम्प्युटर सिस्टिम्स को लक्ष्य किया होने की बात सामने आयी थी। अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने स्पष्ट रूप में यह स्वीकार किया था कि अमरीका पर हुए इस सायबर हमले के पीछे रशिया का हाथ है। उसके बाद अब देश की प्रमुख जाँच एवं गुप्तचर यंत्रणाओं ने भी रशिया का ही हाथ होने के दावों की पुष्टि की है।

Us-solar-windsपिछले साल के दिसम्बर महीने में अमरीका की ‘फायर आय’ और ‘सोलरविंड्स’ इन आईटी क्षेत्र की कंपनियों पर बड़ा सायबर हमला किया गया था। कुछ समय बाद यह बात सामने आयी थी कि इस हमले का झटका इन कंपनियों के उत्पादनों का इस्तेमाल करनेवाले अमरीका के सरकारी विभागों के साथ हज़ारों उपक्रमों को भी लगा है। हमले की व्याप्ति और तीव्रता को मद्देनज़र रखते हुए ‘नॅशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ ने, इसकी तहकिक़ात के लिए प्रमुख यंत्रणाओं का समावेश होनेवाले स्वतंत्र टास्कफोर्स की स्थापना की थी।

Us-solar-winds‘सायबर युनिफाईड कोऑर्डिनेशन ग्रुप’ ऐसा नाम होनेवाले इस टास्कफोर्स में ‘नॅशनल सिक्युरिटी एजन्सी’, ‘सायबरसिक्युरिटी ऍण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्युरिटी एजन्सी’, ‘ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नॅशनल इंटेलिजन्स’ तथा ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्व्हेस्टिगेशन’(एफबीआय) का समावेश है। इस गुट ने मंगलवार को स्वतंत्र निवेदन जारी किया। इस निवेदन में ‘ऍडव्हान्स्ड् पर्सिस्टंट थ्रेट’ (एपीटी) यह रशियन हॅकर्स का गुट इस सायबर हमले का सूत्रधार होने की बात कही गयी है। ‘एपीटी’ रशियन यंत्रणाओं के लिए काम करणारा गुट है यह इससे पहले ही स्पष्ट हुआ होने के कारण, इस गुट का स्पष्ट रूप में किया हुआ ज़िक्र महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

Us-solar-windsरशिया द्वारा किया गया यह सायबर हमला, यह बहुत ही गंभीर घटना है ऐसा बताकर, उसकी व्याप्ति निश्चित करने की प्रक्रिया अभी भी शुरू है, ऐसा ‘सायबर युनिफाईड कोऑर्डिनेशन ग्रुप’ के निवेदन में स्पष्ट किया गया है। व्याप्ति निश्‍चित होने के बाद अमरिकी यंत्रणाएँ उसके अनुसार प्रत्युत्तर देंगी, ऐसा भी निवेदन में जताया गया है। अमरीका पर पिछले दशकभर में बड़े पैमाने पर सायबर हमलें हुए हैं और उनके पीछे रशिया, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया इन जैसे देशों का हाथ पाया गया है। अमरीका की कई सरकारी रिपोर्ट्स में भी उसका उल्लेख है।

लेकिन विदेशमंत्री और उनके बाद प्रमुख गुप्तचर तथा जाँच यंत्रणाओं ने खुलेआम रशिया का उल्लेख करना ग़ौरतलब साबित हो रहा है। अमरीका के सांसदों ने, यह हमला यानी ‘ऍक्ट ऑफ वॉर’ होने की आलोचना भी की थी।

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