अमरीका पर हुए सायबर हमले में रशिया का ही हाथ होने की विदेशमंत्री पोम्पिओ ने कबूला – अमरिकी सिनेटर ने ‘ऐक्ट ऑफ वॉर’ करार दिया

वॉशिंग्टन/मॉस्को – ‘थर्ड पार्टी सॉफ्टवेअर’ का इस्तेमाल करके अमरीका के सरकारी विभागों के नेटवर्क में घुसपैठ करने की बड़ी कोशिश की गई है। नीजि कंपनियां एवं विश्‍व के अन्य देश एवं कंपनियों के नेटवर्क में भी घुसपैठ करने की जानकारी सामने आ रही है। यह एक काफी बड़ा हमला है और फिलहाल प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार इस हमले के पीछे रशिया का हाथ है, ऐसा ड़टकर कहना संभव है’, इन शब्दों में अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने अमरीका पर हुए सायबर हमले के पीछे रशिया का हाथ होने की बात स्पष्ट शब्दों में कबूल की है।

cyber-attack-us-russiaअमरीका के अर्थ एवं व्यापार विभाग के कम्प्युटर नेटवर्क्स पर कुछ दिन पहले ही हमला होने की जानकारी ‘सायबर सिक्युरिटी ऐण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सिक्युरिटी एजन्सी’ (सीआयएसए) ने घोषित की थी। हमले के पीछे रशिया का हाथ होने की आशंका वरिष्ठ अधिकारी, विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञों ने व्यक्त की थी। इसके कुछ दिन बाद सायबर हमलों का दायरा काफी मात्रा में बढ़ने की बात सामने आयी है और यह आज तक के इतिहास में सबसे बड़ा सायबर हमला होने का दावा किया जा रहा है। अमरीका के सात प्रमुख सरकारी विभागों के साथ ‘मायक्रोसॉफ्ट’, ‘फायर आय’ एवं ‘सोलर विंड्स’ जैसी नीजि कंपनियों को लक्ष्य किए जाने की बात भी सामने आ रही है।

cyber-attack-us-russiaइस पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेशमंत्री ने खुलेआम इस हमले के पीछे रशिया के होने की बात कबूल करना सनसनी फैलानेवाला साबित होता है। अमरीका पर बीते दशक से बड़ी मात्रा में सायबर हमले हो रहे हैं और इसके पीछे रशिया, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों का हाथ देखा गया है। अमरीका के कई सरकारी रपटों में भी इसका ज़िक्र है। लेकिन, अमरिकी सरकार का हिस्सा होनेवाले वरिष्ठ मंत्री ने इन हमलों के कुछ दिन बाद ही इसके लिए रशिया को सिधा ज़िम्मेदार बताने का यह पहला अवसर है। सायबर हमले के लिए रशिया को ज़िम्मेदार करार देने के साथ ही अमरिकी जीवनशैली एवं स्वतंत्रता को सबसे अधिक खतरों की सूचि में रशिया एवं उसके राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का स्थान काफी ऊपर है, यह इशारा भी पोम्पिओ ने दिया।

cyber-attack-us-russiaअमरिकी सरकार और नीजि कंपनियों पर हुए सायबर हमले पर सांसदों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। डेमोक्रैट पार्टी के सिनेटर चार्ल्स कून्स ने रशियन सायबर हमला सिर्फ हमला नहीं है बल्कि, ‘ऐक्ट ऑफ वॉर’ है, ऐसी आलोचना की है। सांसद जेसन क्रो ने रशिया का यह हमला अमरीका पर सबसे बड़ा सायबर हमला है और इसकी तुलना पर्ल हार्बर पर हुए हमले से ही हो सकती है, यह दावा किया है। अमरीका की प्रमुख सायबर कंपनियों ने भी रशियन सायबर हमलों का दायरा अभूतपूर्व होने का बयान किया है और अभी इन हमलों की पूरी जानकारी प्राप्त ना होने की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

अमरिकी यंत्रणाओं ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार मार्च महीने से सायबर हमले शुरू किए गए थे। बीते सप्ताह में ‘फायर आय’ नामक सायबर सुरक्षा कंपनी पर हुए हमले के बाद अमरिकी सरकारी विभागों पर हुए सायबर हमलों की जानकारी सामने आयी।

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