चीन के लिए जासूसी करने के मामले में रशिया ने वैज्ञानिकों को किया गिरफ्तार

मास्को – पूरे विश्व का ध्यान यूक्रेन युद्ध पर होने की स्थिति में रशिया में जासूसी के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। रशिया का मित्रदेश चीन ही इस जासूसी के मामले से जुटा होने की बात सामने आयी है। चीन की गुप्तचर यंत्रणा को लेज़र तकनीक संबंधित खुफिया जानकारी प्रदान कर रहे वैज्ञानिकों को रशियन यंत्रणा ने हिरासत में लिया। इसके कुछ घंटे पहले हायपरसोनिक तकनीक की तस्करी करने के मामले में रशियन गुप्तचर यंत्रणा ने अन्य वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया है।

पिछले कुछ दिनों से रशिया में संदिग्ध घटनाएं घट रही हैं। रशिया के अति संवेदनशील ठिकाने पर विस्फोट होने की या आग लगने के मामले हो रहे हैं। साथ ही रशियन सुरक्षा यंत्रणाओं ने विदेशी जासूस और उनके एजेंटस्‌‍ को हिरासत में लेने की प्रक्रीया शुरू की है। साथ ही अंदरुनि विद्रोह करनेवालों पर भी कार्रवाई करने की जानकारी सामने आ रही है। यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देश रशिया में विद्रोह करवाने की कोशिश में होने का दावा किया जा रहा है। इस कार्रवाई के दौरान चीन के लिए जासूसी करने वाले भी पकड़े गए हैं।

चार दिन पहले रशियन गुप्तचर यंत्रणा ‘एफएसबी’ ने सायबेरिया प्रांत से दिमित्री कोलकेर को हिरासत में लिया। नोवोसिबिस्क युनिवर्सिटी में भौतिक शास्त्र और गणित विषय के वरिष्ठ प्राध्यापक रहे कोलकेर की लेज़र तकनीक के अभ्यासक के तौर पर पहचान है। रशियन यंत्रणा ने कोलकेर पर देशद्रोह का आरोप लगाया है। कोलकेर को देश की सेना की तकनीक चीनी सुरक्षा यंत्रणा को तस्करी करने का आरोप रशिया ने लगाया है। कोलकेर को हिरासत में लेकर लेफोर्तोवो कारागार में रखा गया था। लेकिन, कुछ घंटे पहले ही कोलकेर की संदिग्ध मौत हुई। उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है।

रशियन सुरक्षा यंत्रणाओं ने कोलकेर के करीबी वैज्ञानिक एनातोली मास्लोव को भी गिरफ्तार किया था। हायपरसोनिक तकनीक के अभ्यासक रहे मास्लोव और कोलकेर चीन की सेना की तकनीक की तस्करी कर रहे थे, यह आरोप रशिया ने लगाया है। मास्लोव को भी लेफोर्तोवो कारागर में रखा गया है। पिछले कुछ महीनों से रशिया में जासूसी का बड़ा नेटवर्क खंगाला गया है।

पिछले अगस्त में हायपरसोनिक अनुसंधान लैब के संचालक एलेक्झांडर कुरानोव को देशद्रोह के आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया था। कुरानोव अमरीका को खुफिया जानकारी प्रदान करने में जुटे होने का आरोप लगा था। ऐसे में अप्रैल में वैलेरी गोलुब्किन और एनातोली गुर्बानोव को हिरासत में लिया गया था। इन दोनों पर सेना की तकनीक की तस्करी करने के आरोप थे। लेकिन, पिछले कुछ हफ्तों से चीनी जासूस और एजेंटस्‌‍ के खिलाफ रशिया ने कार्रवाई शुरू की है। रशिया की रक्षा तकनीक का हूबहू नकल करने की हरकत चीन ने पहले भी की थी।

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