रशिया ने किया चावल निर्यात पर रोक लगाने का ऐलान

चावल निर्यातमास्को – रशिया ने शनिवार को चावल के निर्यात पर रोक लगाने का ऐलान किया है। इस साल के अन्त तक यह रोक जारी रहेगी। अंदरुनि मांग के मद्देनज़र यह निर्णय करने का दावा रशिया ने किया है। इससे पहले भारत ने चावल निर्यात पर रोक लगाने का ऐलान किया था। इस निर्णय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चावल की कीमत अधिक उछलेगी, ऐसी चिंता जताई जा रही है।

‘युरेशिनय इकॉनॉमिक यूनियन का हिस्सा होने वाले आर्मेनिया, बेलारूस, कझाकस्तान, किरगिझस्तान, साउथ ओसेटिया और अबखाजिया को रशिया के इस चावल निर्यात पर लगाई रोक से नुकसान नहीं पहुंचेगा। क्यों कि, इन देशों को रशिया ने इस पाबंदी के दायरे से दूर रखा हैं। फिर भी भारत के बाल रशिया ने भी चावल निर्यात पर रोक लगाने का असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाई देगा। इस वजह से चावल की कीमतें बढ़ेगी, यह चिंता जताई जा रही है।

चावल के सबसे बड़ा निर्यातक भारत चावल के निर्यात पर लगाई रोक हटाए, ऐसा आवाहन संयुक्त राष्ट्र संघ कर रहा हैं। १२० से अधिक देशों को भारत से चावल की आपूर्ति होती थी। ऐसी स्थिति में भारत ने किए इस निर्णय के गंभीर परिणाम होंगे, यह कहकर भारत इस निर्णय को बदल दे, इस मंशा से राष्ट्र संघ कोशिश कर रहा हैं। अन्य कुछ देशों ने भी भारत पर दबाव बनाने की तैयारी की है। ऐसे में अब रशिया ने भी चावल के निर्यात पर रोक लगाने से स्थिति अधिक गंभीर होगी, ऐसे दावे किए जा रहे हैं।

अंदरुनि मांग के मद्देनज़र यह निर्णय करना पड़ा, ऐसा बयान रशियन यंत्रणाओं ने किया है। भारत ने भी यह निर्णय करने के लिए अंदरुनि मांग ही वजह बताई थी। इसी बीच, रशिया ने यूक्रेन के साथ किए ‘ग्रेन डिल’ से पीछे हटने का निर्णय किया है। आगे के समय में यूक्रेन से अन्य देशों के लिए रवाना हो रहे अनाज़ के जहाज़ हमारे लक्ष्य बन सकते हैं, ऐसी चेतावनी रशिया ने दी है। साथ ही यूक्रेन के ओडेसा पर हमला करके रशिया ने करीबन ६० हज़ार टन अनाज़ का भंड़ार नष्ट करने का आरोप लगाया जा रहा है।

इस वजह से कई देशों को हो रही अनाज़ की आपूर्ति खतरे में होने की चिंता जताई जा रही है। रशिया जानबूझकर यह संकट खड़ा कर रही हैं, ऐसा आरोप अमरीका और पश्चिमी देशों ने लगाए हैं।

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