रशिया समेत भागीदार देश निष्पक्ष बहुध्रुवीय विश्व का निर्माण कर सकते है – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

मास्को – ‘हमें विश्वास हैं कि, एकत्रित पद्धती से हम अधिक न्याय्य, बहुध्रूवीय विश्व का निर्माण कर सकते हैं। इसके बाद विश्व के संसाधनों का शोषण कर रही नव-उपनिवेशवादी व्यवस्था और समाज के बड़े वर्ग को बाहर रखनेवाली खास विचारधारा अब अतीत बन जाएगी’, इन शब्दों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने रशिया समेत उसके भागीदार देश स्वतंत्र व्यवस्था का निर्माण कर सकते हैं, यह विश्वास व्यक्त किया। जापान में हाल ही में आयोजित ‘जी ७’ बैठक में रशिया और चीन के अलग-थलग करके लक्ष्य किया गया था। इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने बहुध्रुवीय व्यवस्था को लेकर किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। 

बहुध्रुवीय विश्वरशिया में ‘इंटरनैशनल मीटिंग ऑफ हाई रिप्रेझेंटेटिव्हज्‌‍ फॉर सिक्योरिटी इश्यूज्‌‍’ का आयोजन किया गया हैं। इस बैठक में १०० से अधिक देशों के प्रतिनिधी शामिल हुए हैं। इसे संबोधित करते समय राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने यह गवाही दी कि, विश्व के सामने खड़े खतरे और चुनौतियों का सामना करने के लिए रशिया सभी इच्छुक राष्ट्रों से सहयोग करने के लिए तैयार हैं। विभिन्न प्रदेश और महाद्वीपों में रशिया के भागीदार हैं और दोनों ओर की यंत्रणाओं को इसका अहसास हैं, यह दावा भी उन्होंने इस दौरान किया। ‘हम एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमरीका के देशों के ऐतिहासिक नज़रिये से मज़बूत, मित्रता एवं भरोसेमंद संबंधों का सम्मान करते हैं। हम उन्हें हर मुमकिन मार्ग से मज़बूत करेंगे’, इन शब्दों में रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने अपनी भूमिका स्पष्ट की। 

‘अमरीका और मित्र देशों ने अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए शुरू की कोशिशों में सैन्य क्षमता बढ़ाना, अन्य देशों के अंदरुनि कारोबार में खुलेआम हस्तक्षेप करना, ऊर्जा और अनाज़ के संकट के एक तरफा लाभ उठाने की कोशिशों का समावेश हैं। इन हरकतों के नतीजे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिरता बढ़ रही है। विभिन्न प्रदेशों में, पुराने हॉटस्पॉट बढ़ रहे हैं और नये उभर रहे हैं। कई राष्ट्रों की जनता बाहरी संगठित सत्ता परिवर्तनों का असर अनुभव कर रही हैं’, इस पर पुतिन ने ध्यान आकर्षित किया।

रशिया को भरोसा हैं कि, पश्चिमियों के ब्लैकमेल और गैरकानूनी प्रतिबंधों की नीति का विकल्प यकिनन हैं। इसके लिए विश्वभर के विभिन्न देशों ने स्थिरता मज़बूत करने के लिए संयुक्त कार्य करना होगा, ऐसा आवाहन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष ने किया।

\अमरीका और यूरोपिय देशों ने यूक्रेन युद्ध के बाद रशिया पर सख्त प्रतिबंध लगाकर रशियन अर्थव्यवस्था और ईंधन निर्यात को लक्ष्य करने की कोशिश की थी। फिलहाल इसके परिणाम दिख नहीं रहे हो, फिर भी कुछ समय बाद रशिया की अर्थव्यवस्था अपने प्रतिबंधों से बाधित होगी, ऐसा दावा अमरीका और यूरोपिय देश कर रहे हैं। लेकिन, भारत और चीन समेत खाड़ी एवं अफ्रीकी देशों ने भी यह ऐलान करके अमरीका को झटका दिया था कि, हम रशिया विरोधी नीति नहीं अपनाएंगे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published.