रशिया समेत हुए समझौते से भारत की ईंधनसुरक्षा को बल

मॉस्को, दि. १८ (वृत्तसंस्था) – दुनिया के तीसरे स्थान का ईंधनख़रीदार रहनेवाले भारत को ईंधन के लिए सऊदी अरब और अन्य आखाती देशों पर निर्भर रहना पड़ता था| लेकिन रशिया के साथ दृढ़ हो रहा भारत का ईंधन संबधित सहयोग, इस हालात को पूरी तरह से बदल देगा, ऐसा दावा रशियन समाचारपत्र ने किया है| आनेवाले समय में रशिया द्वारा भारत को बड़े पैमान पर ईंधन की आपूर्ति की जाएगी| राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा में दोनो देशों के बीच हुए ईंधन संबधित सहयोग का हवाला देकर इस समाचार एजन्सी ने यह दावा किया है|

photo- भारत की ईंधन सुरक्षा

‘रोझनेफ्ट’ रशिया की राष्ट्रीय ईंधन कंपनी है| यह कंपनी ख़ासकर युरोपीय ग्राहकदेशों को ईंधन की सप्लाई करती है| लेकिन पिछले कुछ सालों से रशिया ईंधन का हथियार जैसा इस्तेमाल करने लगा है, ऐसा आरोप अमरीका के साथ साथ युरोपीय देश भी करने लगे हैं| इसके साथ ही, युरोपीय देशों ने ईंधन के लिए अन्य विकल्पों की खोज करना शुरू कर दिया है| इस पृष्ठभूमि पर, रशिया ने चीन तथा एशियाई देशों की तरफ अपना ध्यान मोड़ा है| रशिया के लिए ईंधन का तीसरे स्थान का ख़रीदार रहनेवाले भारत का महत्त्व, इस वजह से ही अधिक मात्रा में बढ़ गया है| दो दिन पहले भारत और रशिया के बीच लगभग १६ पारस्परिक समझौतें संपन्न हुए हैं| उनमें यह ईंधन संबंधित सहयोग समझौता ध्यान खींच रहा है|

इस समझौते के तहत, ‘रोझनेफ्ट’ ने भारत की ‘एस्सार’ कंपनी का ४९ प्रतिशत हिस्सा लगभग १३ अरब डॉलर्स में खरीदा है| यह बहुत बड़ी उपलब्धि है, ऐसा दावा ‘रशिया टुडे’ इस समाचार एजन्सी ने किया| इससे भारत को बहुत बड़ा लाभ होगा| ईंधन के लिए सौदी अरेबिया जैसे आखाती देशों पर निर्भर रहने वाले भारत की ईंधन सुरक्षा को और ज्यादा मज़बूती मिलेगी| फिलहाल भारत अपनी माँग का क़रीब ६५ प्रतिशत इतना कच्चा तेल आखाती देशों से खरीद रहा है| लेकिन रशिया के साथ यह सहकार्य स्थापित होने के बाद इन हालातों में बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है, ऐसा ‘रशियन समाचार एजन्सी’ ने कहा है|

Roseneft

फिलहाल आखाती देशों में बहुत बड़ा तनाव पैदा हुआ है| सौदी अरेबिया येमेन के संघर्ष में उलझा हुआ है| वहीं, सीरिया और इराक इन देशों के संघर्ष में सौदी अरेबिया अप्रत्यक्ष रूप से शरीक़ होने का दावा किया जाता है| साथ ही, आखात में बढ़ती हुई अस्थिरता और अरा़जक को देखते हुए, भारत को ईंधन की सुनिश्‍चित आपूर्ति के लिए अधिक सक्षम विकल्पों की ज़रूरत है| ऐसे समय में रशिया के साथ ईंधन सहयोग करने से भारत को अपनी ईंधन सप्लाई अधिक सुनिश्‍चित करना आसान होगा|
भारत और रशिया ईंधनवाहिका पर चर्चा कर रहे हैं| इससे रशिया से भारत को ईंधन की ठेंठ सप्लाई करना आसान होनेवाला है| भारतीय अर्थव्यवस्था ते़ज़ी से बढ़ रही है| आनेवाले समय में भारत की ईंधन की माँग और ज़्यादा बढ़नेवाली है| इस पृष्ठभूमि पर, यह ईंधनवाहिका भारत के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद रहेगी| दोनो देश इस प्रकल्प पर ते़जी से निर्णय ले रहे है, ऐसी जानकारी दोनो देशों के नेताओं ने दी थी|

रशिया और भारत के ईंधनसंबंधित सहयोग का बहोत बड़ा सकारात्मक परिणाम दोनो देशों पर होने वाला है| रशिया यह भारत का पारंपरिक मित्रदेश रहा है, लेकिन दोनो देशों के बीच व्यापारी संबंध बढ़े नहीं हैं| ईंधन निर्यातक देश होने के बावजूद भी रशिया ने अब तक भारत को ईंधन सप्लाई की नहीं है| लेकिन आनेवाले समय में हालात बदलने के संकेत रशियन न्यूज चैनल की खबर से मिल रहे हैं| इस ख़बर को भारतीय मीडिया भी समर्थन दे रही है|

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