भारत-अफगानिस्तान ‘गुनाहगार प्रत्यर्पण समझौते’ को केंद्रीय मंत्रिमण्डल की मंज़ुरी

नई दिल्ली, दि. १२ (पीटीआय)- अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष १४ सितंबर को भारत की यात्रा पर आनेवाले हैं| इससे पहले ही केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने अफगानिस्तान के साथ ‘गुनाहगार प्रत्यर्पण समझौते’ को मंज़ुरी दी है| इस समझौते को मिली मंज़ुरी की वजह से अफगानिस्तान से आतंकवादियों और गुनाहगारों का प्रत्यर्पण संभव होगा| इससे दोनो देशों के रक्षाविषयक सहयोग ज़्यादा व्यापक होंगे|

‘गुनाहगार प्रत्यर्पण समझौते’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमण्डल की बैठक संपन्न हुई| इस बैठक में भारत-अफगानिस्तान के बीच ‘गुनाहगार प्रत्यर्पण समझौते’ को मंज़ुरी दी गई| इससे आतंकवादियों और गुनाहगारों का हस्तांतरण करने के लिए दोनो देशों में क़ानूनन विकल्प उपलब्ध हुआ है| भारत ने अब तक ३७ देशों के साथ इस प्रकार का समझौता किया है| इनमें ऑस्ट्रेलिया, रशिया, दक्षिण अफ्रीका, बांगलादेश, फ्रान्स, कुवेत, स्पेन, जर्मनी, कॅनडा इन देशों का समावेश है|

भारत और अफगानिस्तान के बीच हुआ यह समझौता, कई पहलुओं से महत्त्वपूर्ण साबित होता है| पिछले कुछ सालों में, भारत के अफगानिस्तान स्थित दूतावास को कई बार लक्ष्य किया गया| पिछले साल अफगानिस्तान की सुरक्षायंत्रणाओं ने, हेरात प्रांत स्थित भारतीय दूतावास पर हुआ हमला विफल किया था| इसमें एक आतंकवादी को गिरफ़्तार किया गया था| यह आतंकवादी पाकिस्तान के ‘लश्कर-ए-तोयबा’ से है और उसे ‘आयएसआय’ से सूचनाएँ मिली थीं, यह सामने आया था| इससे पहले भी यह स्पष्ट हुआ था कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन का भारतीय दूतावास पर हुए हमले में हाथ है| इस सिलसिले में गिरफ़्तार किये गये गुनाहगार और आतंकवादी, दोनों देश इस समझौते के तहत आपस में हस्तांतरण कर सकते हैं| इससे दोनों देशों की जाँचयंत्रणाओं का काम और भी आसान होगा|

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